*8368323740* *बाली पहलवान*
*विश्वास*
अपनी आँखों के समुंदर में उतर जाने दे
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे,
ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुझे भी अपना
पहले बाली का कोई ज़ख़्म तो भर जाने दे,
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझ को
सोचता हूँ कि कहूँ तुझ से मगर जाने दे,
आग दुनिया की लगाई हुई बुझ जाएगी
कोई आँसू मेरे दामन पे बिखर जाने दे,
साथ चलना है तो फिर छोड़ दे सारी दुनिया
चल न पाए तो मुझे लौट के घर जाने दे,
ज़िंदगी मैं ने इसे कैसे पिरोया था न सोच
हार टूटा है तो मोती भी बिखर जाने दे,
इन अँधेरों से ही सूरज कभी निकलेगा 'बाली'
रात के साए ज़रा और निखर जाने दे,
ये लोग प्यार, दिल, और जान भी दे देंगे 'बाली'
जरा थोड़ा सा विश्वास तो इनको हो जाने दे।
Abhinav ji
06-Apr-2022 08:02 AM
Very nice
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Anam ansari
04-Apr-2022 10:03 PM
Nice
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Shnaya
03-Apr-2022 02:29 PM
Very nice 👌
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