Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Apr-2022 नारी का इतवार क्यों नहीं आता

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-औरत का इतवार क्यों नहीं आता
छुट्टी तो आती है अरे कोई आराम नहीं आता
कल तो संडे है छुट्टी है बच्चों की
कल थोड़ा लेट उठूंगी
पर ख्याल आता है
मम्मी सुबह उठकर
चाय बनाने को कहेगी
फिर देखो देखो सुबह हो गई
जल्दी उठ कर भाग रही हूं
क्यों औरत का इतवार नहीं आता
फिर भी कोई चूक हुई तो
सब कहते काम नहीं आता
क्यों औरत का इतवार नहीं आता
सबकी होती छुट्टी
पर औरत की छुट्टी क्यों नहीं होती
एक अकेली औरत जाने क्या क्या काम करें
उसका कुछ भुगतान करो तुम,
शायद तुम को पता चले
आज तो छुट्टी है
जाऊंगी इनके साथ में घूमने
बाहर से आई आवाज
शाम को आने वाले हैं मेहमान
बनाना है खाना कुछ खास
बहु वहीं रुक जाती है
क्यों औरत का इतवार नहीं आता
आखिर में सोती, जागती पहले
फिर जगाती है सबको
होती है उसको पीड़ा
फिर भी वह हंसती है
आगे बढ़ने से नहीं डरती है
उसकी इच्छाओं का
तुमको ध्यान क्यों नहीं आता
क्यों औरत का इतवार नहीं आता
उसे भी पूरा हक है जिंदगी जीने का
फिर क्यों नहीं जीने दिया जाता।

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7 Comments

Punam verma

08-Apr-2022 08:13 AM

Nice

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Abhinav ji

08-Apr-2022 12:00 AM

Nice

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Sachin dev

07-Apr-2022 10:07 PM

बहुत खूब 🤗

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