Kavita Gautam

Add To collaction

तपन


"तपन"

जीवन के प्रत्येक पड़ाव में
जो कभी न विचलित होता है...

तप तप कर जीवन के अनुभव से वही
खरा सा सोना बनता है...

आते हैं जब जीवन में
तपन भरे से मोड़...

एक एक कदम बढ़ाकर फिर भी
मंजिल तक पहुंचता है...

कभी ठहराव भी आ जाए तो
कभी नहीं घबराता है...

जीवन के प्रत्येक पड़ाव को
वह हंसकर पार करता है...

क्यों कि वह अनभिज्ञ नहीं
दृढ़संकल्प से पूर्ण हुई तपस्या से...

क्योंकि वह अनभिज्ञ नहीं
जीवन की प्रत्येक समस्या से...

तभी तो कठिनाइयों की तपन में भी
सूर्य सा चमकता है...

चाहे कितने भी आ जाएं उतार चढ़ाव
होठों पर मुस्कान लिए हर हाल में आगे बढ़ता है...

कविता गौतम...✍️
8-4-22

दैनिक प्रतियोगिता हेतु।

   13
7 Comments

Reyaan

10-Apr-2022 01:30 PM

Very nice

Reply

Shrishti pandey

09-Apr-2022 11:42 AM

Nice

Reply

Punam verma

09-Apr-2022 08:14 AM

Very nice

Reply