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दहेज प्रथा

दहेज़ प्रथा


करती हूं आज मैं दहेज़ प्रथा का बखान।

वर कन्या के विवाह में इसकी बहुत  है शान।


लड़के को डॉक्टर बनाया,जमा पूंजी बहुत लगाया।

उसको पूरा करने का सुना दिया फरमान।


लड़की गोरी चिट्टी हो नौकरी भी वो करती हो।

घर के काम करे संग में नितदिन सुबह शाम।


कैश के साथ हीरो होंडा,लिस्ट थमाया ब्रांडेड समान का।

लड़की वाले हैं पैसे वाले नहीं ये मुश्किल काम।


पैसा बहाये दिखावे में मैरिज हाल और पंडाल में।

खाने के प्लेट के  दाम का करते बहुत बखान।


एक लाख की शेरवानी दो लाख का लंहगा। 

हज़ारों के जूते पहनकर पूरे करते अरमान।


पूज्यनीय लड़के वालों की हर बात सर आँखों पर।

रूठ जाए जाने किस बात पर डर के मारे परेशान।


बाराती की आवभगत, कब कौन रूठ कर करे गड़बड़।

लड़के के फूफा जी को मिलता अति सम्मान।


लेकिन एक आम इंसान बेटी को अपनी कैसे ब्याहे।

दहेज जुगाड़ने की जुगत में लगा रहे दिनरात।


चढ़ जातीं न जानें कितनी बेटियाँ दहेज प्रथा की बलिवेदी पर।

कुछ सुनती रहती जीवन भर सास-ससुर के तानें।


है एक लंबी सूची कहानियों की संग्रह में।

दहेज़ के लालची जिसमें करते लेन-देन  का गुणगान।


स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'

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2 Comments

वाह! तुक बिठाकर काफी अच्छे से टॉपिक को कवर किया गया है। पढ़ने में मजा आया।👌👌दहेज की बारीकियों का अच्छे से वर्णन है।

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Niraj Pandey

30-Jun-2021 11:45 PM

👌👌

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