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एहसास

एहसास

एहसास तेरे प्यार का मुझको भी है
एहसास तेरे दर्द का मुझको भी है
नज़रें बोले या ना बोलें कोई बात
एहसास तेरी धड़कन का मुझको भी है
एहसास तेरे प्यार का मुझको भी है
एहसास तेरे दर्द का मुझको भी है
नहीं जानता इश्क क्या ये बला है
जिसने भी किया इसमें उसका भला है
एहसास के रिश्ते जज़्बात से होते हैं
जज़्बात के रिश्ते एहसास से होते हैं
नज़राना लेके आया हूनमे अपने दिल का
कुबूल कीजिये तोहफा इन धड़कनों का
एहसास तेरे प्यार का मुझको भी है
एहसास तेरे दर्द का मुझको भी है




               स्वरचित


              पण्डित विजय उप्रेती

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6 Comments

Aliya khan

02-Jul-2021 11:35 PM

Wah

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Swati Charan Pahari

02-Jul-2021 08:32 PM

बहुत खूब

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बहुत ही बेहतरीन 👌👌👌👌

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