shweta soni

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नरबलि - आंतक की शुरुआत 7

अगले दिन सब सुबह होने से पहले ही मंदिर पहुंच चुके थे क्योंकि जात्रा में अब एक ही दिन रह गया था | इसीलिए पुजारी जी ने सबको जल्दी से बुलवा लिया था साथ ही गांव से कुछ ग्रामीण भी आये थे , मंदिर की साफ - सफाई में हाथ बंटाने के लिए साथ ही मंदिर को गेदें के और आम के पत्तों से बने तोरण से सजाना भी तो था | 


हरीश और उसकी मित्र मंडली अपने - अपने काम में लग गये साथ ही गांव वाले भी मंदिर की सजावट में लग गये | 

हरीश जब पुजारी जी के साथ पूजा की तैयारी में उनकी मदद कर रहा था तभी पुजारी जी से मिलने एक सज्जन आये | 
पुजारी ने उन्हें देखते ही हरीश को कुछ निर्देश दे कर , मंदिर से बाहर आ गये और उनसे बात करने लगे | 

हरीश को पुजारी जी के व्यवहार में कुछ अजीब लगा इसीलिए वो भी धीरे से पुजारी जी के पीछे गया , और उनकी बातें सुनने लगा | 

सज्जन व्यक्ति - पुजारी जी कल जात्रा की सारी तैयारियां हो गई है या कुछ और सामान या काम बचा हैं ? 

पुजारी जी - लगभग पूरी तैयारी हो गई है ! आज शाम तक सब काम पूरा हो जायेगा | 

सज्जन व्यक्ति - आपको पता है ना , पिछले कुछ सालों से आस - पास के गांवो में और हमारे गांव में कैसी दहशत फैली हुई हैं , इसीलिए हम गांववालों ने आपकी सहायता से " मां काली के भक्त स्वामी सदानंद जी " को बुलवाया हैं | उन्होनें जो - जो पूजा की सामग्री मंगवाई है , हम वो ला चुके हैं | 

अब इंतजार हैं तो सिर्फ स्वामी जी का ! अब वो ही है जो हमें और हमारे गांव को इस संकट से बचा सकते हैं | 

अच्छा पुजारी जी ! उन सज्जन व्यक्ति को अचानक कुछ याद आया जैसे और उन्होंने पुजारी से पूछा !

पुजारी जी ! अब मुखिया जी तबियत कैसी है ? बहुत दिन हो गये गांव में भी दिखाई नहीं दिये ? कल उनके घर गये तो पता चला कि शहर गये हैं , ईलाज कराने के लिए ! 

आपको कुछ अजीब नहीं लगता !! हर साल वो ऐसे ही कुछ ना कुछ बहाना करके जात्रा में शामिल नहीं होते , और उनका घर भी गांव से बाहर सुनसान इलाके में हैं ! 

ना तो कभी उनके बीवी , बच्चे से हमें मिलवाया हैं और ना ही हम उनके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं ? पता नहीं कौन सा राज छुपाया हुआ है उन्होंने अपने अंदर  ? 

हरीश के कान खड़े हो गये , ये सुनकर की मुखिया इस जात्रा में शामिल नहीं होंगे | 

हरीश मन ही मन सोचते हुए - इसका मतलब  हम जो सोच रहे हैं वो सही है , कुछ तो गड़बड़ है इस मुखिया में अगर सच में गायब हुये बच्चों में इसका हाथ हुआ तो उस मुखिया के बच्चे को जिंदा नहीं छोडेगें !  हरीश की सोच को उस वक्त विराम लगा जब पुजारी जी ने बोलना शुरू किया | 

पुजारी जी - हां ये सच हैं माननीय की मुखिया जी जात्रा में शामिल नहीं होंगे ! और रही बात उनकी निजी जिंदगी के बारे में तो हम भी नहीं जानते | हम चलते हैं , हमें माता की पूजा के लिए देर हो रही हैं ! पुजारी जी ने उनके सवालों को टालने के अंदाज से कहा और चले गये | 

पुजारी जी मां दंतेश्वरी की आरती की और सबको भक्तों को दिया दिखा कर प्रसाद वितरण करने लगे | 

जब पुजारी जी हरीश को प्रसाद दे रहे थे उस समय हरीश ने हिम्मत कर के पुजारी जी से पूछा - 
हरीश - पुजारी जी ! मुझे आपसे कुछ पूछना है ! 

पुजारी जी - क्या पूछना चाहते हो ? घबराओ नहीं पूछो जो पूछना है ! 

हरीश - जब आप बाहर किसी से बात कर रहे थे , तो मैंने आप दोनों की बातें सुन ली थी | मैं बस यही पूछना चाह रहा था कि ये स्वामी सदानंद कौन है और वो इस सालाना होने वाले जात्रा में शामिल हो रहे हैं ! क्या कोई विशेष बात है जो आप हम गांव वालों से छुपा रहे हैं ? पुजारी जी " छोटी मुँह और बड़ी बात " कह दी इसके लिए माफी चाहता हूँ | 

ये कह कर हरीश हाथ जोड़कर खड़ा हो गया | 

पुजारी जी ने मुस्कुराते हुए कहा - तुम्हें पता हरीश ! सुबह से शाम तक ना जाने कितने भक्त यहां आते है ! उनमें से अधिकतर माता के दर्शन के लिए आते हैं और कई भक्त ऐसे भी होते हैं जिन्हें कोई समस्या हो | ये भक्त अपनी समस्या लेकर मेरे पास आते हैं , जिन्हें मैं मां दंतेश्वरी की मार्गदर्शन से उनकी समस्याओं का समाधान करता हूं | 


तुम्हें लग रहा होगा कि मैं अंधविश्वास की बातें कर रहा हूँ , तुम्हें पता हैं जब तुमने पहली बार अपने दोस्तों के साथ मुझसे मंदिर की साफ - सफाई करने की अनुमति मांगने आये थे |उसी पल मुझे तुममें और तुम्हारे मित्रों में कुछ खास लगा

मुझे पता है कि तुम और तुम्हारें मित्र गायब हुए बच्चों की तलाश कर रहे हो  और मुझे ये भी जानकारी हैं कि तुम लोगों का शक मुखिया रामाधर राव पर हैं | 

मैं निपट कजूंस नहीं हूं हरीश , की कुछ पैसे बचाने के लिए मैं तुम बालकों से काम कराऊं , इसके पीछे एक विशेष कारण है जो तुम्हें कल पता चल ही जायेगी | 

कल मेरे गुरू श्री सदानंद जी पधार रहें हैं अब वो ही इस समस्या का कोई हल निकालेंगे | क्योंकि समस्या बहुत ही विकराल है और इसका समाधान भी जल्द करना होगा | 

मैं तुम्हें जो बताने जा रहा हूँ उसे ध्यान से सुनो ! हर वर्ष हमारे गांव में जात्रा होती हैं , सब गांव वाले माता का आभार प्रकट कर उनकी पूजा करते हैं , हमारी ग्राम देवी मां दंतेश्वरी सब की रक्षा करती हैं | लेकिन कुछ वर्षों पहले रामाधर राव ने अपने शुद्र शक्तियों के बल पर ग्रहण काल में बच्चों का अपहरण कर उनकी बलि चढ़ा रहा है | 

और हम ये जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकते थे , हमारी विवशता और डर ने ना जाने कितने मासूमों की बलि ले ली | 
पर अब हम चुपचाप ये सब सहन नहीं कर सकते क्योंकि 
अब जो रामाधर करने जा रहा है उसकी कल्पना तक तुम नहीं कर सकते .....

     

                                   क्रमशः

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5 Comments

Punam verma

22-Apr-2022 12:44 AM

बहुत खूब भाग है

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Abhinav ji

20-Apr-2022 07:55 AM

Very nice👍

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Sandhya Prakash

19-Apr-2022 12:47 PM

Bahut khoob

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