Sapna shah

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प्रेम ;एक ख्वाब

प्रेम  :   एक ख्वाब 


प्रेम के शहर में एक गाँव हमारा भी हो
जब जब धडके दिल तुम्हारा नाम हमारा हो 
थंडी थंडी हवाएँ चले जब तेरी ओर 
महकती फिजाओ में खुशबू हमारी ही हो 

सूरज की तपती किरणें जब तुम्हे सताए 
छाँव देता घर हमारा ही हो 
बारिश की बूँदें जब तममन भिगाए 
सिर पर तेरे आँचल बस हमारा ही हो 

दिल की दुनिया में प्रेम आबाद हो 
हर जनम में हाथों में हाथ तुम्हारा हो
छूट ना जाए साथ तुम्हारा 
बिखर ना जाए ख्वाब हमारा 

बदलती ॠतुओ संग ना तुम बदलना 
प्रेम के शहर में एक घर तुम बनाना ..।।


सपना शाह .....

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11 Comments

Aliya khan

02-Jul-2021 11:25 PM

बहुत ही सुन्दर

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Sapna shah

02-Jul-2021 09:16 PM

सभी का दिल से शुक्रिया

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Shaba

02-Jul-2021 08:32 PM

प्रेम की अनुभूति अवर्णनीय होती है। खूब लिखा आपने।

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