बहाने

बहाने

अजी अब तो छोड़ो हमको सताना
तुम्हे खूब आता है बहाने बनाना।

कभी देखना कनखियों से, फिर नजर यूं चुराना
दांतों से पल्लू दबा हौले से मुस्कुराना
कहां से सीखा तुमने अंदाज ये सुहाना
तुम्हे खूब आता है बहाने बनाना।

ये भोली सी सूरत उस पे सादगी भी
गालों के गड्ढे माथे पे लट झूलती सी
तेरी इस अदा पे दिल हुआ है दीवाना
तुम्हे खूब आता है दिल को लुभाना।

सितमगर तेरे रहमों करम के सदके
हम जी रहे हैं तुम्हे देख कर के
भूले से भी तुम ना हमको भुलाना
कहीं मर ना जाए ये आशिक दीवाना
ये इल्जाम न तुम खुद पर उठाना।

अजी अब तो छोड़ो हमको सताना
तुम्हे खूब आता है बहाने बनाना।।

आभार – नवीन पहल – १८.०४२०२२ 🌹❣️
# प्रतियोगिता हेतु


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9 Comments

Shnaya

19-Apr-2022 04:35 PM

Very nice 👍🏼

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Abhinav ji

19-Apr-2022 08:57 AM

Nice👍

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Renu

18-Apr-2022 11:45 PM

बहुत ही सुन्दर

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