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अनपढ़

अनपढ़( प्रतियोगिता



तुम जैसी अनपढ़ गँवार को मेरे पल्ले बांध दिया मेरे बाप ने

अब मैं अपने दोस्तों को कैसे बताऊँगा की मेरी बीवी अनपढ़ गंवार है। 

मैं तुझे अपने साथ नही लेकर जाऊँगा नहीं तो मेरी नाक काट जाएगी सोसाइटी में। रमेन्द्र ने झल्लाते हुए अपनी नई नवेली पत्नी सुकन्या से कहा।

मेरा समान पैक कर दो कल शाम की फ्लाइट से मुम्बई जा रहा हूँ।

वह दूसरे दिन अकेले मुंबई चला गया। माँ -बाप छोटा भाई सितेंद्र और सुकन्या सभी उसके व्यवहार से आहत थे।

सुकन्या बारहवीं पास थी और रमेन्द्र मल्टी नेशनल कम्पनी में मैनेजर था।

उसके जाने के बाद उसके ससुर ने उसका पत्राचार से बी.ए में करवा दिया साथ ही साथ इंग्लिश स्पीकिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट का कोर्स भी करा दिया। उसने भी मेहनत और लगन से देवर सितेंद्र की मदद लेकर पढ़ाई पूरी की और सभी कोर्सेस भी किये। 

तीन साल बाद

रमेन्द्र अपने चेम्बर में बैठकर किसी का इन्तज़ार कर रहा था।आज रमेन्द्र की नई कम्पनी में उसकी नई पर्सनल सेक्रेटरी आने वाली थी।

में आई कम इन सर की आवाज़ से उसकी तंद्रा टूटी ।

कम इन 

चेम्बर में एक मॉडर्न युवती ने प्रवेश किया। 

रमेन्द्र उसे देखता रह गया। उसे लग रहा था शायद इस लड़की को कहीं देखा है।

लड़की ने अपना रेज़्यूमे उसकी तरफ बढ़ाया। 

उसकी क्वालिफिकेशन और सर्टिफिकेटस देखकर वह दंग रह गया तभी उसकी नज़र उसके नाम पर पड़ी -सुकन्या देसाई।

रमेश सोच में पड़ गया। वो सुकन्या देसाई तो बारहवीं पास थी एकदम जाहिल गवार सी लगती थी।

तीन साल में कोई इतनी क्वालिफिकेशन कैसे अर्जित कर सकता है पर सुकन्या साक्षात प्रमाण थी उसके सामने।

सुकन्या भी शायद उसके शंशय को समझ रही थी।

डोंट बी पैनिक सर आय टेल यू एवरीथिंग।

वह अपने संघर्ष की कहानी बताती है और अपने सास ससुर को धन्यवाद देती है जिन्होंने उसकी जिंदगी को सही दिशा देकर उसके ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया था।

सच जानकर रमेन्द्र अपने ऊपर बहुत शर्मिंदा हो रहा थ।


स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'


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4 Comments

Dr. Arpita Agrawal

19-Apr-2022 03:29 PM

बेहतरीन 👌👌

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Sandhya Prakash

19-Apr-2022 11:50 AM

Bahut khoob

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Gunjan Kamal

19-Apr-2022 12:08 AM

शानदार प्रस्तुति 👌👌

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