उम्मीद..
दर्ज हैं तारीखें..अहसास..सारी रातें...सारी बातें....
कुछ मीठे कुछ खट्टे
कुछ तीखे कुछ चटपटे भी..
कुछ बेहद गहरे भी..
मैंने छुपा के रख दिया है उस डायरी
को बहुत गहरे अंधेरे से कमरे में..
इतना कि
उसके पन्ने खुद ही खुद से मिलने के लिए
जद्दोजहद कर रहे होंगे.
लिखे हैं हमने जिन पन्नों पर हमारे अहसास,
वो हैं इस आस में, कि
शायद #तुम्हारी उंगलियों का स्पर्श
उन्हें हासिल होगा किसी दिन....
शायद वो देख पाएं फिर से
"किसी दिन उजाला"
Miss Lipsa
26-Aug-2021 07:00 AM
Bohot bdhiyA
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Aliya khan
20-Jul-2021 07:04 PM
Nice
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