लेखनी प्रतियोगिता -21-Apr-2022 भ्रष्टाचार
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार वह आचार है,
जिसे खाने को सब है बेकरार।
यह कलयुग का संसार है,
जिसमें भरा है भ्रष्टाचार।
भ्रष्टाचार में नेता नहीं है पीछे
एक टेबल के ऊपर
एक टेबल के नीचे होता उनका हाथ
यही होता है उनका काम
जनता कुछ नहीं करती हैं,
जाने क्यों उनसे डरती है।
विक्रेता कालाबाजारी करते हैं,
दाल में पत्थर भरा करते हैं।
कोई आवाज नहीं उठाती जनता,
दाल के साथ करते कंकर का मोल भाव।
हमें जनता में जागरूकता लाना है,
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है।
Punam verma
22-Apr-2022 08:31 AM
Nice
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Abhinav ji
22-Apr-2022 08:01 AM
Nice
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Anam ansari
21-Apr-2022 09:43 PM
👏👌
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