Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -22-Apr-2022 - नन्ही कली


गूंज उठी किलकारी आंगन में, 
दादा लड्डू बांट रहे प्रांगण में ,
तन मन मेरा झूम उठा ,
छुई कोमल काया मोह माया में |

बधाइयाँ बज रही घर में तबसे,
 खुशियां आई अंगना में जबसे, 
नन्हीं सी कली खिली यहांँ, 
पाँव नहीं मेरे धरा पर तब से |

रातों को वह तो सोती नहीं , 
आहट हो तो उठ जाती वहीं,
 उसकी प्यारी खिलखिलाहट, 
मुस्काती रहती रोती नहीं |

जीवन की दिशा मेरी बदल गई, 
आज देखो मैं माँ बन गई  
छुईमुई सी लड़की थी पहले ,
चेहरे पर अब मुस्कान खिल गई |

किलकारी जब उसकी गूंजी थी,
 स्वस्थ होने की खबर जब फैली थी ,
हो उठे थे हर्षित सभी यहांँ,
 खुशियों की लहर तबसे दौड़ी थी ||


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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15 Comments

Zainab Irfan

25-Apr-2022 03:25 PM

बहुत ही सुन्दर

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Punam verma

23-Apr-2022 04:04 PM

Very nice

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Abhinav ji

22-Apr-2022 11:37 PM

Very nice👍

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