क्षणिकाएं

क्षणिकाएं

 

(1)

दीवाने है वो लोग,

यूंही दीवाना बना करते है

इश्क़ भी करते हैं और

खुद ही खुद को फना करते हैं।।

(2)

गुस्ताखियों के सिलसिले चलेंगे अभी और।

नाफरमानियों के दौर अभी खत्म होंगे।।

(3)

हम पे जो गुजरी हमीं जाने

और नहीं कोई जाने है

ये ग़ज़लें, ये गीत, ये किताबें

एक शख्स को भुलाने के बहाने हैं।

 

आभारनवीन पहल २२.०४.२०२२  🌹💐🙏😀

# नॉन स्टॉप 2022

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9 Comments

shweta soni

18-Jul-2022 12:25 AM

Nice 👍

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Shrishti pandey

01-May-2022 09:45 PM

Very nice

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Punam verma

24-Apr-2022 09:45 PM

Nice

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