गवाही...!!!
ऑब्जेक्शन योर ऑनर!!!महज़ आठ साल की बच्ची है वो...!!!उसकी गवाही कोई मायने नहीं रखतीं!!!बचाव पक्ष के वकील साहब बड़ी जोर से चिल्लाये...
योर ऑनर....मेरे क़ाबिल दोस्त भूल रहें हैं शायद कि कानून उस इंसान की गवाही मानता है जिसनें हुई घटना देखीं हो !माना मेरी गवाह एक आठ साल की बच्ची है पर वहीं एकमात्र गवाह है, जिसने उस घटना को आँखो से देखा था...!मेरी कोर्ट से गुज़ारिश हैं कि, विन्नी मल्होत्रा को कोर्ट में पेश करनें की इजाज़त दे!
इजाज़त है...!सामने बैठी जज साहिबा ने अभियोजन पक्ष की फरियाद कबूल करतें हुए कहा ...पर ध्यान रखा जाएं कि बच्ची का डराया या धमकाया न जाएं!आप उस बच्ची की गवाही, बचाव पक्ष की मौजूदगी में, मेरे चेंबर में ले सकतें है...ताकि उसे किसी तरह की घबराहट न हो!
शुक्रिया आदरणीया...!अभियोजन पक्ष ने बड़े अदब से जज साहिबा के इस फ़ैसले पर सर झुका दिया।
___________
तय दिन आठ साल की विन्नी को जज साहिबा के चेंबर में पेश किया गया! साथ में उसकी माँ थी!सादे कपड़ो में, अभियोजन पक्ष के वकील, बचाव पक्ष के वकील और जज साहिबा तीनों मौजूद थे!
हैलो बेटा....क्या आप मुझसे दोस्ती करोगी...???मेरे घर में भी आप जैसी ही एक प्यारी सी बिटिया है...!!!आप मेरी दोस्त बन जाओ तो मैं आपकों मेरे साथ मेरे घर ले चलूंगा!बोलो बनोगी मेरी दोस्त???अभियोजन पक्ष के वकील, सुमित जी ने कहा
विन्नी ने अपनी माँ की ओर देखा! फ़िर पलट कर, वकील साहब की ओर देखा और न में सर हिला दिया!
नहीं अंकल! मैं आपसे दोस्ती नहीं कर सकतीं! मेरी मम्मी कहतीं हैं कि अंजान लोगों से बात नहीं करनी चाहिए! मैं तो आपकों जानतीं ही नहीं ना...!
अच्छा तो फ़िर ये चॉकलेट ले लो...देखों कितनी सारी चॉकलेट है...!अब तो दोस्त बन जाओ मेरी!!!
नहीं....बिलकुल नहीं!मम्मी मना करतीं है, किसी से कुछ भी लेने!विन्नी ने फिर अपनी माँ की सिखाई बात कहतें हुए कहा
पर आपकी दोस्त, राधा ने तो ली थी चॉकलेट! आपनें भी तो देखा था ना???वकील साहब धीरे धीरे मुद्दे पर आ रहें थे!
हाँ....राधा ने उस दिन, अरबाज चाचा से चॉकलेट ली थी...अंकल आपकों पता है, अरबाज चाचा, चॉकलेट के लिए हम दोनों को अपनें घर ले गयें थे...!राधा ने चाचा की दी चॉकलेट खाई और वो वहीं सो गई! मैंने नहीं खाई थी ना टाॅफी, तो मैं तो जाग ही रहीं थीं! इतना कह कर विन्नी चुप हो गई।
आप तो बहुत गुड गर्ल हो बेटा!अच्छा तो ये बताओं, राधा के सोने के बाद क्या हुआ था???सुमित जी ने पूछा
ये प्रश्न सुनते ही, विन्नी घबरा गयी और डर कर अपनी माँ के आँचल में छुप गयीं!
घबराओ मत बेटा!आप तो कितनी समझदार बेटी हो अपनी माँ पापा की!स्ट्राॅग भी हो नन....!!!अअअ....हमें पता है आप अपनें माँ पापा की हर बात मानतीं हो...!सुमित जी, विन्नी को पुचकारते हुए बोलें
बता दे विन्नी....राधा के सोने के बाद क्या हुआ था???ये अंकल ना बहुत अच्छे है, देख तेरे लिए कितनी सुन्दर सुनहरे पंखों वाली गुड़िया लायें है! तू कह रहीं थीं ना कि राधा के पास भी ऐसी ही गुड़िया है!!
पर माँ....मैं तो राधा की गुड़िया से ही खेल सकतीं हूँ ना अब तो....राधा तो भगवान के पास चलीं गई है ना....तो वहाँ तो उसे और दूसरी गुड़िया मिल जाएंगी!आपकों पता है माँ, अरबाज चाचा ने राधा की फ्राॅक खोल दी थी....और राधा के साथ जानें क्या किया कि वो खुन में लथपथ हो गई थी!!! बहुत रोईं राधा....बहुत ज्यादा...पर चाचा ने उसे चुप ही नहीं कराया....!मैंने तो डर कर अपनी आँखे बंद कर ली थीं माँ!
फ़िर क्या हुआ विन्नी???विन्नी की माँ ने विन्नी से रोते रोते पूछा
फिररररर.....फिर क्या माँ....राधा तो वैसे ही सोती रहीं....उठीं ही नहीं!!!पररर.... जब वो आएंगी न तो वो ही बता देंगी कि अरबाज चाचा ने उसके कपड़े क्यूँ खोले थें????
माँ उसकी सुनहरे पंखों वाली गुड़िया मेरे पास ही है अबब....!वो भगवान के घर से वापस आएंगी न तो आप उसे ये नई वालीं गुड़िया दे देना! पर माँ, मेरी राधा कब आएंगी वापस...???कितने दिन हो गयें उसे वहाँ जाकर....अब तो आना चाहिए नाआआ....!चलों न हम जाकर ले आते है उसे वापससस....!
विन्नी के आगें कुछ कहने के पहलें ही उसकी माँ ने उसे अपनें सीने से लगा लिया!!!
जहाँ एक ओर वहाँ मौजूद हर इंसान की आँखे आँसुओ से लबालब थीं....अब और किसी गवाह की जरूरत नहीं थी....एक मासूम से बच्ची ने एक घिनौने कृत्य से पर्दा उठा दिया था.....!!!!सबकी नजरें विन्नी पर थी, पर उस बच्ची की नजरें, उसकी नजरें सामने रखीं....सुनहरे पंखों वाली गुड़िया पर थीं!!!
॥॥समाप्त॥॥
✍✍नेहा चौधरी की क़लम से 🙏🙏🙏🙏
#lekhny
#lekhnykahani
#lekhnykahanisafar
Shalini Sharma
07-Oct-2021 02:24 PM
Beautiful story
Reply
Seema Priyadarshini sahay
01-Oct-2021 04:18 PM
बहुत सुंदर रचना
Reply
Miss Lipsa
26-Aug-2021 07:12 AM
Bohot acha
Reply