लेखनी प्रतियोगिता -23-Apr-2022 मां बाप जैसा कोई नहीं दुनिया में
रचयिता- प्रियंका भूतड़ा
गीतsong-मां बाप जैसा ,कोई नहीं दुनिया में
मां बाप जैसा
कोई नहीं दुनिया में- २
मां के आंचल की छांव में
बापू की उंगली पकड़कर में चला
दुनिया को देखने
दुनिया को देखने.......
इनके चरणों में होती है दुनिया......
चरणों में झुकाते हैं, हम शीश अपना
करते हैं उनको.....
बार-बार समर्पण
मां बाप जैसा
कोई नहीं दुनिया में- २
इनकी बगिया के फूल हम बने
बगिया की खुशबू .......
अब हम बने....
अब हम बने
मां जैसी सखियां
बाप जैसा फरिश्ता
ऐसा होता है इनका रिश्ता
इस दुनिया में कोई नहीं दूजा
हर घड़ी हर पल
करते है हम इनकी हरदम पूजा....
करते हैं हम इनकी हरदम पूजा
मां बाप जैसा
कोई नहीं दुनिया में- २
मां की ममता
बापू की क्षमता
उन से प्यारा कोई
नहीं होता अपना......
नहीं होता अपना
मां बाप जैसा
कोई नहीं दुनिया में -2
छोटी सी लगी चोट मुझको
निकलती है आवाज यही ,मुख से
उई मां उई मां..
उई मां उई मां
बड़ा संकट जब छूता है
निकलती है आवाज मुख से
अरे बाप रे, बच गया मैं तो
मां बाप की दुआ से.....
मां बाप की दुआ से
मां बाप जैसा .....
कोई नहीं दुनिया में
कोई नहीं दुनिया में........
Zainab Irfan
25-Apr-2022 03:20 PM
बहुत ही सुन्दर
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Niraj Pandey
25-Apr-2022 01:38 PM
बहुत खूब
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Swati chourasia
24-Apr-2022 07:37 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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