Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Apr-2022 - आवारा

पथिक पथ का ज्ञान कराना ,
आवारगी की राह पर न भटकाना, 
दीवानेपन का चाहे आगाज़ हो,
निरंतरता का आभास कराना |

छला न जाऊंँ कहीं मैं, 
अंधेरों को तुम हटाना ,
उजाला जीवन में हो जाए, 
रोशन नाम अपना कर जाना |

सागर से मिलती नदियां , 
नदिया से मिलता पानी ,
चांदनी रहती अविरल यहाँ,
शीतलता का उसके कोई न सानी |

अनजानी सी है डगर , 
काटें भरे है पथ पर,
मंजिल को पाना तुझको ,
हवाओं तुम राहों के पत्थर |

मन तेरा चंचल भी होगा , 
थोड़ा शांत कुछ चपल भी होगा, 
स्थिरता लाना व्यवहार में अपने, 
लक्ष्य को तुझे भेदना भी होगा |

चार तरफ रास्ता हैं जाता ,
पथिक तू किधर है जाता ,
तुझ पर निर्भर करता है ये, 
आकाश गूंजता है जाता |

तू भी राही मैं भी राही , 
ऊपर वाले दे मन में समाई ,
इंद्रियों पर नियंत्रण हो मेरा ,
बाणों की शैय्या चाहिए नाहीं |

अनुभव तुझे नया हर पल मिलेगा, 
द्वार खुला दिल का मिलेगा, 
भटकने लगे जब आवारा की तरह , 
प्रेम में सराबोर जीवन मिलेगा |

सफर में हमराज ऐसा चुनना,
 हमेशा अपने दिल की सुनना, 
साथ चले जो मिला कदम, 
सपन सलोने तुम मिल यहाँ बुनना ||

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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18 Comments

Simran Bhagat

25-Apr-2022 07:20 PM

Very good👍🏻👍🏻

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Shnaya

25-Apr-2022 04:39 PM

Very nice 👍🏼

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Zainab Irfan

25-Apr-2022 03:09 PM

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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