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मर्डर एक प्रेम कहानी (सीजन-2) ep6

पिछले एपिसोड में आपने देखा- अनुज सरदार जी बनकर विक्रम के घर घुसता है और फिर उसे विक्रम का एड्रेस और अंजलि का पता चल जाता है, और अनुज साहब के पास जाता है, साहब शिला से शादी करना चाहता है और ये वही लड़का है जिसने शिला को राज के मर्डर से पहले परपोज़ किया था, पिज़्ज़ा वाला आता है और विक्रम पिज़्ज़ा लेता है , विक्रम का पर्स शिला के हाथ लगता है जिसपे एक तस्वीर देखकर शिला पूछती है कि आप इसे जानते हो।

अब आगे-

शिला- ये फोटो किसकी है, आप इसे जानते हो क्या।
विक्रम- जी हां, लेकिन आप इसे कैसे जानते हो।
शिला- ये तो वही है जिसने मुझे परपोज़ किया था।
विक्रम- क्या……(विक्रम को जोर का झटका लगता है)
शिला- हाँ मैं अच्छे से जानती हूँ, बिल्कुल ऐसा ही था वो।
विक्रम- मगर ये तो मर चुका है।
शिला- मेरी आंखे धोखा नही खा सकती,ये वही है। लेकिन आपके पर्स में कैसे आयी ये फोटो
विक्रम- दर्शल ये वही शख्स है जिसने दिव्या का मर्डर किया था, इसका नाम राजीव है। मैं इसको दिन रात पागलो की तरह ढूंढता रहा, तभी मैने ये तस्वीर पर्स में रखी थी ताकि, इसे ढूंढा जा सके।
शिला- तो क्या इसी ने राज का खून किया है।
विक्रम- मुझे लगा अनुज को पकड़ने से केस सॉल्व हो जाएगा,मगर केस तो और भी उलझ गया है,अनुज भी गायब है और राजीव का पता भी हमे मालूम नहीं।

दूसरी तरफ नजर डालते है।

राजीव - गए विक्रम के घर
नरेश- वो बहुत चालक है साहब, घर छोड़कर भाग गया।
राजीव- भागने वालो में से नही है वो, जरूर कोई चाल चलेगा, इससे पहले की वो शिला तक पहुंचे तुम शिला के घर जाओ और उठा लाओ उसे।
नरेश- जैसा आप कहें।

(नरेश चार आदमियों के साथ शिला के घर को रवाना हो जाता है  , । विक्रम जानता था वो शिला को किटनेप करेंगे इसलिए उसने शिला को समझा दिया कि ,
विक्रम-  तुम्हे ले जाये आनाकानी करना मगर चले जाना, मैं तुम्हारे पिछे आऊंगा। आएंगे तो नीता को भी ले जाएंगे क्योकि वो जानते है नीता पुलिस में है , इसलिए नीता तुम मम्मी पापा को लेकर अंदर छिप जाओ। और ख्याल रखना इनका। शिला तुम  डरना मत आपको कुछ नही होगा। मैं बाहर छिपकर उनके आने का इंतजार करता हूँ।

शिला की मम्मी- नही ऐसा कोई रिस्क नही लेना है, तुम और  पुलिस बुलाओ और उनको पकड़ लो, और जेल में डाल दो।

विक्रम- ऐसा किया तो राजीव कभी पकड़ा नही जाएगा। और खतरा मंडराता रहेगा।
शिला की मम्मी- लेकिन इसके लिए शिला को क्यो मोहरा बना रहे हो, उसे कुछ हो गया तो।
विक्रम- आप मुझपर भरोसा रखिये। (कहकर विक्रम बाहर चले गया।)

(नीता बाकी लोगो को लेकर छिप गई और शिला मैगजीन पढ़ने लगी,बाहर तेजी से एक कार और एक बाइक ठाती है जिनपर नजर गढ़ाए विक्रम झाड़ी के पीछे छिपा हुआ था।)

वो अंदर गए, और बड़ी आसानी से शिला को उठा ले गए।
सबने मुह में रुमाल बांध रखा था, उन्हें शक था उसके घर के बाहर कैमरे लगे होंगे, एक स्टार है आखिर।

नरेश- अच्छा हुआ विक्रम नही पहुंचा था अभी तक।
शिला- छोडो मुझे, कहा ले जा रहे हो,कौन हो तुम।

किसी ने उसकी एक नही सुनी और गाड़ी में डाले और ले गए।
विक्रम ने तेजी दिखाते हुए उनका पीछा किया, और साथ के साथ नीता को फोन किया कि तुम सीसीटीवी कैमरे से उसको ले जाते हुए वीडियो क्लिप अलग से बना के रख लो जैसे ही मैं बोलूँगा उसे ट्वीट कर देना वायरल कर देना, हो सके तो टीक टोक  और फ़ेसबूक पर भी डाल देना । मैं नही दिखना चाहिए उसमे।

(दूसरी तरफ राजीव बेसब्री से इंतजार कर रहा था, उन लोगो का, कुर्सी में गोल गोल घूम रहा राजीव, ने देखा अपने लैपटॉप में बाहर शिला को लेकर उसके कुछ आदमी आये, वो अंदर आये )

राजीव- स्वागत है आपका, पधारिये पधारिये।
( शिला आती है, और उसे एक कुर्सी पर बिठाते है, )

राजीव - इतनी देर क्यो लगा दी , इसे लाने में।
नरेश- साहब हम आ रहे थे, लेकिन हमने देखा कि विक्रम हमारा पीछा कर रहा था, हमने बहुत घुमाने फिराने की कोशिश की , बहुत रास्ते बदले,मगर वो नही माना, उसे नही पता लगा कि हमे पता लग गया है वो चुपके से हमारा पीछा कर रहा है। मजबूरन हमे उसपर गोली चलानी पड़ी।
राजीव- हा हा हा (हँसते हुए बोला)  आपने आज बिना कहे समझदारी वाला काम किया है, देखा अनुज जिसे तू नही मार सका उसे ये मार आये, हा हा हा।
अनुज- हाहाहा...उसकी किस्मत में मेरे हाथों मरना नही लिखा था ये उसे मार आये है, इन्ही के हाथों मरना था उसने।

(..…अब आप सोच रहे हो ये जिंदा कैसे है चलो देखते है)
जब राजीव और अनुज कमरे में बात कर रहे थे, और राजीव ने गोली चलाते हुए अलविदा मेरे दोस्त कहा था और भागते हुए दो लोग जो अक्सर लाश ठिकाने लगाने में एक्सपर्ट थे जिन्हें राजीव कोड वर्ड में लाशिया कहता था कमरे में आये )
राजीव- क्या हुआ क्यो आये हो।
लाशिया- सर गोली की आवाज आई।
राजीव- अरे हवा में चलाई थी यार मैं अपने दोस्त पर गोली क्यो चलाऊंगा.
(लाशिया वापस चले गए, उसके बाद अनुज कुछ लोगो को लेकर विक्रम के घर गया जहाँ वो नही था और वापस आ गया।)

(शिला ने देखा तो वो चिल्लाई)
जीजू....आप.  आपसे ये उम्मीद नही थी, आपने मेरी ही नही,मेरी बहन की भी जिंदगी बर्बाद की है, धोका दिया है सबको।
राजीव- बड़ा गुस्सा आ रहा है अपने प्यार के खूनी जीजू पर, 
शिला- तूने कराया है मेरे जीजू से खून
राजीव- मैंने तो कराया है, तेरे जीजू से, और अब हमारी शादी भी ये ही कराएगा।
शिला- शादी वो भी तुझसे, भूल जा या अपने ख्वाब को या अपने आप को।
राजीव- एक वो दौर था जब मैंने संजना से प्यार किया, उसने इनकार किया, क्या मिला उसे, उसकी दोस्त की मौत, और तूझसे इनकार किया तो तुझे तो तेरे प्यार का ही मौत मिल गयी।
शिला- संजना के प्यार से तो हार गया था तू, और आज मेरे प्यार को धोके से मारा तूने, लड़ नही सका उससे, पीठ पीछे से वार किया।
राजीव- उसने भी पीठ पीछे से ही वार किया था…(गुस्से में चिल्लाया)  और अपनी कहानी बताई

चार साल पहले

राजीव  राज को सुनसान जंगल में रगड़ते हुए ले जा रहा है, राज बेहोश पढ़ा है, राजीव उसे एक गहरी खाई के पास ले गया,और उसे फेंकने से पहले सोचा थोड़ा आराम कर लूं।
राजीव आराम फरमा रहा था कि अचानक उसे कुछ सरसराहट की आवाज सुनाई दी, उसने आवाज की तरफ देखा ही था कि एक लकड़ी से बहुत खतरनाक वार उसके सिर पर हुआ, राज ने धोके से ही उसपर वार किया था क्योंकि राज उससे टक्कर नही ले पा रहा था। राज ने उसे बुरी तरह घायल कर दिया। और अंत मे उस खाई से नीचे फेंक दिया,

राजीव- मैं बेहोश भी नही था, मेरी आँखें खाई की गहराई को नाप रही थी, खाई की गहराई इतनी थी कि कम से कम बत्तीस सेकंड में हवा में रहा क्योकि मैं अपनी मौत के इंतजार में अपनी तेज चल रही धड़कनों को गिन रहा था जो कि 50 बार धड़की और फिर धड़ाम से मैं नीचे गिरा, किस्मत अच्छी थी, जो वहाँ पथ्थर नही थे दलदली मिट्टी थी जिसपर में गिरा। नीचे गिरने के काम से कम चालीस सेकंड तो मुझे लगा शायद मैं मर गया हूँ, शायद मुझमे प्राण नही है, क्योकि मुझे दर्द महसूस नही हो रहा था। फिर धीरे से मैन अपने सिर पर दर्द महसूस किया , रात बहुत थी, जंगली जानवर का खतरा था, मैं बड़ी मुश्किल से उठा। और अपनी सारी ताकत झोंक दी चंद कदम चलने में, एक पेड़ के सहारे बैठ गया। सुबह हुई कुछ गरीब लोग जीनके घर मे सिलेंडर चूल्हा नही था,वो लकड़ी तोड़ने आये थे, वो मुझे एक हॉस्पिटल तक ले गए,  तब उनकी दया भावना देखकर मुझे लगा कि मैंने दिव्या को मारकर गलती कर दी, मैं अब सारे गलत काम छोड़ दूंगा, बस एक बार ठीक हो जाऊं, अच्छी तरह रिकवर होने में मुझे तीन से चार महीने लग गए, मेरे सिर में पट्टी और गंभीर हालत से किसी को पता नही लगा कि मुझे पुलिस ढूंढ रही है, जब मैं ठीक हुआ और गलत काम छोड़ दिये तो मैंने सोचा कोई नौकरी कर लूं क्योकि पेट भी भरना है,कोई नौकरी नही मिली तो जहाँ नौकरी मिली तो नौकर ही समझते थे, और एक प्रिंसिपल का लड़का, जिसको  जेब खर्च महीने का बीस- पच्चीस हजार मिलता था उसे नौकरी करके, गुलामी करके आठ से दस हजार देते थे, मेरे मन मे फिर वही आग जग गयी, और मैं राह चलते अमीरों को लूटने लगा।
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"खैर मैं ये सब तुम्हे क्यो बता रहा हूँ। तुम नही समझोगे" कहते हुए राजीव  ने अपनी बात खत्म कर दी।

शिला- तो तुमने राज से पुरानी दुश्मनी निभाई।
राजीव- पता नही कौन से जन्म के दुश्मन थे हम , हर बार उसकी मेरी पसंद एक ही होती है। दिव्या तो फालतू  मैं मारी गयी, उसी को तभी मार देना था मैंने, अब तुम अपनी जान गवाने में तुली हो।

(शिला को अब बचने की कोई उम्मीद कोई रास्ता नजर नही आया क्योकि उसी के सामने विक्रम को भी गोली लगी थी जो घायल हो गया था , अनुज खुद खूनी था, वो क्या बचाएग यही सोचकर शिला परेशान थी , उसका फोन भी छीन लिया गया था)

तभी टीवी पर एक न्यूज दिखी जिसे सुनकर राजीव के होश उड़ गए।

"नमस्कार…….मैं नीतीश कुमार स्वागत है आपका आज की ताजातरीन खबरों में,
●राज के खूनी का हुआ खुलासा,
●इंस्पेक्टर विक्रम पर हमला अस्पताल में उनकी गंभीर हालत
●शिला का किटनेप
●मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर अनुज पर खून का इल्जाम
● विक्रम ने किया राजीव के जिंदा होने का खुलासा

न्यूज देखने वालों के रिएक्शन

शास्त्री जी- मुझसे मिलने ऐसे आया जैसे सबसे बड़ा हमदर्द ये ही था राज का। और राजीव....ये कैसे जिंदा हो सकता है  इसे तो राज ने मार दिया था
राज के पापा- सारे राज उगलवा गया, सोचा था पकड़ा नही जाऊंगा, और ये राजीव, ये तो गायब था, ये कहाँ से आ गया
संजना- दोस्त बनकर कत्ल किया, इससे अच्छे तो दुश्मन होते है। इसको फाँसी होनी चाहिए। और राजीव ने ही कहा होगा, दिव्या को भी मार डाला राज को भी, वजह सिर्फ मैं,
ना उस पर्ची का इल्जाम राज पर लगने देती, ना राज राजीव से दुश्मनी लेता।
अनुज- हे भगवान, सारे प्लान में पानी फिर गया। अब क्या होगा, विक्रम मुझे और शिला को गोली मारकर फरार हो जाएगा।
राजीव- ये दोनों खतरे की घंटी है, इन्हें जल्दी निपटा के निकल लेने में फायदा है। अब तो शिला भी मेरी नही हो सकती, पहले में अपनी पहचान छिपाए था , तब बात अलग थी।
अंजलि- हे भगवान!, विक्रम जी को बचा लो, उन्हें कुछ नही होना चाहिए। मुझे हॉस्पिटल जाना चाहिए।
शीला के पापा- और करो भरोसा....तुम्हारे विक्रम सर……फंस गई ना मेरी बेटी। और अनुज क्रिमिनल था, क्या फायदा तेरे पुलिस में होने का जब अपने पति का पता नही लगा पाई तू।
शिला की मम्मी - हे भगवान, ये सब अचानक क्या हो गया। सब बिखर गया (रोते हुए)

इनकी तरह हर शख्स जो राज का मुरीद था शिला के फैन थे सब हैरान थे।

राजीव- चलो अब तुम सब का वक़्त खत्म हो गया, तुम दोनों भी राज के पास जाओ, तुम्हारा धरतीलोक में कोई काम नही है।
(राजीव ने दो हाथो में दो बंदूक रखे और दोनो की तरफ तान दिए)

अनुज- ये क्या कर रहे हो पागल हो क्या।
राजीव-  पागल ………हिहिहिहि.……पागल तो तुम थे जब मैंने तुम्हें कहा था राज को मार दे तो मार दिया, सिर्फ इस लिए की तुम्हारी "जन्नते" की एक कॉपी मेरे पास थी , तुम उसे रिलीज करके नम्बर वन म्यूजिक डेरेक्टर बनना चाहते थे, मैने सिर्फ इतनी धमकी दी थी की......

कुछ दिन पहले-
राजीव- देखो राज का खून तो होगा तो नही करेगा तो कोई और कार देगा, लेकिन अगर कोई और करेगा तो तेरा मर्डर भी होगा, और तेरी फैमिली का भी, साथ ही जिस गाने पर आजकल तुझे इतना गुरुर है, वो भी वायरल हो जाएगा। कुछ नही बचेगा, ना तू, ना तेरी कंपनी ना तेरे बीवी बच्चे।
अनुज- तू ऐसा कुछ नही करेगा। तुझे में तेरे किसी इरादे में कामयाब नही होने दूँगा,
राजीव- रावि  कैसी है तेरी फूल से बच्ची, कैसा दिल है रे तेरा, अपनी बच्ची को इतना दूर होस्टल में रखकर पढ़ा रहा है।
अनुज- तू रावी को कुछ नही करेगा।
राजीव- उम्र 17 साल क्लास 11th, बेचारी शक्ल से भी मासूम,
अनुज- देख , मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है।
राजीव- राज को हिट मशीन बना दिया तूने, जहाँ सुनो उसी के चर्चे,
अनुज- चाहता क्या है
राजीव-  मर्डर………राज का और वो भी तेरे हाथो से।
अनुज- पर मैं नही कर सकता,इतनी हिम्मत नही है कि किसी का खून कर सकूं।
राजीव- जा पहले अंदर जा और अपनी लड़की से एक मुलाकात करके आ, उसके बाद मेरे से बात करना । जा...जा

(अनुज अंदर जाता है, जहां रावी को कमरे में कैद किया था। अनुज अंदर गया तो कमरा बाहर से बंद कर दिया गया।)

रावी दौड़ते हुए आयी और अपने पापा के गले लगते हुए रोने लगी।
रावी- पापा मुझे बचा लो……प्लीज पापा……मुझे बचा लो।
अनुज- चिंता मत कर तुझे कुछ नही होगा। मैं तुझे कुछ नही होने दूँगा।
रावी- ये बहुत खतरनाक लोग है पापा, बहुत गंदे लोग है ये।
अनुज- तेरे पापा है ना बेटा,
(अनुज की आँखे भी डबडबा गयी, एक तरफ उसका दोस्त था तो दूसरी तरफ उसकी जान से भी प्यारी उसकी बेटी, अनुज बाहर गया और राजीव से बोला )

अनुज-मैं तैयार हूं। लेकिन मेरी बेटी को छोड़ दो।
राजीव- राज की हत्या की खबर सुनते ही, तेरी बेटी को वही छोड़ आएंगे।
अनुज- तैयारी कर लो कल सुबह टीवी ऑन रखना।

(अनुज जाने लगता है राजीव रोकते हुए कहता है)
राजीव - ठहरो...(बंदूक कैच कराते हुए).…ये लो मेरी तरफ से गिफ्ट काम आएगा

(दूसरे दिन सुबह रावी को वापस होस्टल छोड़ दिया गया। )
    
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अनुज- बंदूक नीचे कर, देख गोली चल जाएगी।

(शिला अपने जीजू को देख रही है कि कोई इंसान अपनी बेटी को बचाने के लिए किस हद तक जा सकता है और कोई कोख में ही अपनी बेटी को मार देता है', आज भले ही अनुज उसके प्यार का खूनी था लेकिन उसने ये सब किसी मजबूरी के चलते किया था)

राजीव- अजीब बात कर दि। भई गोली चलाने के लिए ही पकड़ी है । चलेगी नही तो क्या होगी।
अनुज- तुम मुझे मार लो लेकिन शिला को छोड़ दो उसकी इसमे कोई गलती नही है।
राजीव- (झल्लाते हुए) क्यो नही है। है..…है इसकी गलती, सारी गलती इसकी है। ना मेरा परपोज़ मना करती ना मेरा दिल टूटता, ना मैं राज को इतनी आसानी से मरवाता, उसे तड़पा तड़पा के मारना चाहता था मैं,
अनुज- राजीव...……प्लीज शीला को कुछ मत करो, पुलिस मुझे ढूंढ रही है तुम्हे ढूंढ रही है शीला से उनका क्या लेना देना।
राजीव- तुम्हे हमे सिर्फ पुलिस ढूंढ रही है, इसे पब्लिक ढूंढ रही है। और इससे तो और भी ज्यादा खतरा है।

(राजीव उन दोनों से पूछता है)
राजीव- कोई  आखरी ख्वाहिश...।

एक गरजती आवाज आई " तेरी है कोई ख्वाहिश तू बता"

सबने देखा कि ये कौन बोला,

सबके सब हक्के बक्के रह गए।

सबसे ज्यादा हक्का बक्का था राजीव,

(कौन है वो जो राजीव से उसकी आखरी इच्छा पूछ रहा था, देखेंगे अगले एपिसोड में (अंतिम एपिसोड )


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9 Comments

🤫

27-Apr-2022 08:55 PM

अब कौन आ गया ये राज ही होगा पक्का !!!

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अफसाना

27-Apr-2022 11:50 AM

Bahut badhiya ja rhi h khani, suspence ke badshah h aap to, behtreen likhte hn

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Archita vndna

27-Apr-2022 11:24 AM

Bahut khoov

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