हर शाम
गम इस दिल के, किसको दिखाना
आँखों आँसू मगर है, नहीं बहाना
खुशियों के चोर देखे हैं लाखों
मैं खुश हूँ, ये नहीं बताना।
हजारों आसमां बिखरे हैं
आस भी है, प्यास भी हैं
ना ये पता हम किसके हैं
सर्द गम-ए-एहसास भी है
होता नहीं बर्दाश्त ये सब
दिखावे का तो साथ भी है
बिगड़ गयी है हालत मेरी
कह न सकें कुछ हालात भी है।
अब हर शाम को तन्हा..
तन्हा जीता हूँ हर शाम को
मैं 'अनाम' हर लम्हा
जपता हूँ बस तेरे नाम को!
समुंदर भी हैं तो क्या
लहरें किसी की कहाँ होती हैं
मुस्कुरा भी दें होंठो से तो क्या
ये आँखे तो सदा रोती हैं
साँसे तो तुझसे लेता हूँ अक्सर
मुझ में मेरी साँसे कहाँ होती है
बरसा जो बादल, तरस रहा वो
छोड़ चली बूंदे, जो मोती हैं।
तुझमें ही तो घुल गया हूँ
जाने क्यों ऐसे तूल गया हूँ
जग सारा मैं ये भूल गया हूँ
रटता रहा तेरे नाम को...
अब हर शाम को तन्हा..
तन्हा जीता हूँ हर शाम को
मैं 'अनाम' हर लम्हा
जपता हूँ बस तेरे नाम को!
#MJ
#प्रतियोगिता
अजय
06-Jul-2021 06:58 AM
मस्त.......
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मनोज कुमार "MJ"
06-Jul-2021 08:01 AM
Dhanyawad
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Niraj Pandey
06-Jul-2021 12:41 AM
एक नम्बर भाई👌👌
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मनोज कुमार "MJ"
06-Jul-2021 08:01 AM
Dhanyawad
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Kshama bajpai
05-Jul-2021 08:22 PM
Bindasss👌👌👌
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मनोज कुमार "MJ"
06-Jul-2021 08:01 AM
Dhanyawad
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