लेखनी कहानी -27-Apr-2022 देश के नौजवान को सलाम
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-देश के नौजवानों को सलाम
करते हैं हम सलाम उन लोगों को
खड़े रहते हैं जिंदगी मौत के बीच
पता नहीं उनको एक पल का
जब आ जाता है एक कोई खत
जिंदगी रुख मोड़ेगी उस पल
आज हंसते हुए उस पल से
जिंदगी उस पल से एक पल चुरा लेगी
करते हैं हम सलाम उन लोगों को
खड़े रहते हैं जिंदगी मौत के बीच
जिंदगी देने के लिए हमें आज
खड़े हैं खुद आखिरी पड़ाव पर
हमें खुशियां देने के लिए
बहा रहे हैं खुद पसीने
करते हैं हम सलाम उन लोगों को
खड़े रहते हैं जिंदगी मौत के बीच
हम रह सके बिना डरे
इसलिए बॉर्डर पर सीना तान कर खड़े हैं
हमारे घर में कभी दिया ना बुझे
बॉर्डर पर दिया बनकर खुद खड़े हैं
कम ना हो हमारे घर का उजाला
लो बन कर खड़े हैं बॉर्डर पर
करते हैं हम सलाम उन लोगों को
खड़े रहते हैं जिंदगी मौत के बीच
करते हैं हम नतमस्तक उन सैनिक को
करते हैं बलिदान अपने वतन के लिए
देशभक्तों को करते हैं हम नमन
ऐसे देश भक्तों का नाम कहलाता है सैनिक
देश की जनता देती उनको सलामी
कहते हैं हम उनको देश नौजवान योद्धा।
करते हैं हम सलाम उन लोगों को
खड़े रहते हैं जिंदगी मौत के बीच
सप्ताह की दसवीं कविता
Seema Priyadarshini sahay
28-Apr-2022 09:04 PM
बहुत खूबसूरत
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Farida
27-Apr-2022 09:15 PM
🤗🤗
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Zainab Irfan
27-Apr-2022 09:06 PM
Very nice 👍🏼
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