बेताबियाँ!!
बेताब है दिल, आज आसमां छू लेने को
बेसब्र हो रहा, ख्वाब कई बुन लेने को
अब ठहरतें नहीं, उठे जो कदम एक बार
निकल यूँ पड़ा, है राह कोई चुन लेने को।
बेताबियाँ मेरी कहें, चलता चल
कर मनमर्जियां, आगे बढ़ता चल
गिराएंगे लोग तुझे कई दफा
हर दफा उठ, आगे निकलता चल!
अब नहीं रुकना, झुकाना है सातों आसमां
कदमों में होगी मेरी, ये सारी दुनिया-जहां
उठ खड़ा हुआ हूँ जो, परचम भी फहरेगा
कर नाद जो चला हूँ, दूरियां अब कहां?
बेताबियाँ मेरी कहें, आगे बढ़ता चल
बेताब दिल! आने वाला है वो पल
मैं आज का योद्धा हूँ, युद्ध है मेरा
जंगबाज ना सोंचे, क्या होगा कल!
झीने रेत के सागर में, बोना है मोतिया
समुंदर के धागे से, पिरोना है मोतिया
सब बांध कर जीतूंगा मैं, कहता दिल मेरा
दिल के वास्ते ही, हमने जो किया सो किया।
बेताबियाँ उड़े, बनाने हवाओ के महल
बेसब्रियाँ कहें, देखेंगे जो होगा कल
मंजिल पर, सफर न देख, यूँ मुस्कुरा
कांटे-कंकर न देख, आगे बढ़ता चल।
बेताबियाँ मेरी कहें, चलता चल
कर मनमर्जियां, आगे बढ़ता चल
गिराएंगे लोग तुझे कई दफा
हर दफा उठ, आगे निकलता चल!
Nitish bhardwaj
06-Jul-2021 08:34 PM
वाह बहुत खूब
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मनोज कुमार "MJ"
07-Jul-2021 08:59 AM
Shukriya
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Kshama bajpai
06-Jul-2021 07:38 PM
Wahhh....behad shandar...👌👌👌👌👌🙏🙏
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मनोज कुमार "MJ"
07-Jul-2021 08:59 AM
Dhanyawad
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ऋषभ दिव्येन्द्र
06-Jul-2021 07:32 PM
लाजवाब....लाजवाब....लाजवाब 👌👌👌👌
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मनोज कुमार "MJ"
07-Jul-2021 08:59 AM
Dhanywad bhai
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