इंसाफ
इंसाफ
छेड़िए नया मुहिम फिर एक बार
दीजिए कानून को गालियां फिर दो चार
लगाइए फिर अबला के लिए गुहार ज़ोरदार
कुछ दिनों फिर कहिए, क्या होगा इस देश का यार।
फिर तान के चादर लो सुकून की सांस
संतुष्ट हो ना, कर दिया अपना भी काम
और कहो देश में है दरिंदों की भरमार
ना जाने कब सुधरेगा ये संसार।
बस हर बार इतना ही तो है करना
सरकार को, संस्कार को जी भर कोसना
और कुछ दिनों मोर्चे मोमबत्तियों का जलना
और ये उम्मीद की फिर ना होगा अस्मिता पे वार।
उठो जागो और कुछ ऐसा कर जाओ
गर देखो कोई भी रावण उसे ये बताओ
अपहरण हुआ तो लंका तुम जलाओगे
सर काट कर उसका सीता को वापस लाओगे।
पूछो उस नेता से क्या है उसका काम
नहीं सोचो न पूछो उसकी जात या पहचान
मांगो जनता के सेवकों से उनकी सेवा का हिसाब
जो चुने थे सेवा के लिए उनको करने ना दो राज।
आभार - नवीन पहल- २९.०४.२०२२ 😊😊
अबलाओं का बलात्कार और लोगों का मिथ्याचार पर मेरी रचना
# लेखनी ओपन माइक प्रतियोगिता हेतु
Zainab Irfan
30-Apr-2022 09:25 AM
👏👌🙏🏻
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Seema Priyadarshini sahay
29-Apr-2022 10:36 PM
बहुत ही खूबसूरत
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Shrishti pandey
29-Apr-2022 09:50 PM
Very nice sir
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