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दिल सुनाने मुझे लगता है

अकेलापन सह नही सकता हूँ मै
और आपसे भी कुछ कह नही सकता हूँ मैं
पर ख्वाहिश बस इतनी है
अकेलापन दूर हो जाये मेरे
और कोई प्यार से साथ देने को मजबूर हो जाये मेरे
दिल की तो मैं सुनता नही हूँ
दिमाग कुछ कहता नही है
कोई तन्हा छोड़ दे मुझको तो
दिल ये सहता नही है
सुनता हूँ तो मैं उस रब की सुनता हूँ
घटना-ए-वारदात ना जाने कब की सुनता हूँ
ना चाहते हुए भी, दिल मेरा सुनाने मुझे लगता है।
कहता है, दुनिया से तू कुछ कह नही सकता है।
फिर मुझपर ये जोर क्यो?
मैं चुप हो जाता हूँ, धड़कन का ये शोर क्यो?
धड़कता धड़कन ये तेरे सीने में
थक गया है तेरे लिए जीने मै
तू अपने लिए जीता है
मैं तेरे लिये जीता हूँ।
तू खुद की छोड़ जमाने के लिए जिया कर
समय बचा बचा कर जमाने को दिया कर
क्योकि तू जमाने मे जीता है
तुझमें नही जीता है जमाना
तुझे एक ना एक दिन इस
मिट्टी में है समा जाना
भला कर जाओ की भला हो जाये
ताकि जमाना कभी तुमपे उंगली ना उठा पाए।
जमाना एक बहाना है
ये दुनिया वो लम्हा है
वो फसाना है
आज जन्म लेना है,
कल मर जाना है।

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1 Comments

Waah waah bahut khoob

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