Ankur Singh

Add To collaction

बहन

नकारात्मक अंत
राजू हर साल की तरह इस साल भी अकेला और उदास था क्योकि आज रक्षा बंधन है और उसको राखी बांधने वाला कोई नही है । राजू महज 5 साल का था पर समझता था बहन क्या होती है वो रोता - रोता माँ के पास गया और पूछने लगा ।
राजू : माँ मेरी कोई बहन नही है ऐसा क्यों ?

माँ ने कुछ नही कहा वो किचन के कोने में जा के रोने लगी और याद करने लगी उन बातो को जो दुखद ही नही कष्टदायक है क्योकि उस माँ ने एक लड़के की चाहत में 3 लडकियों को गर्भपात से मरवा दिया ।

पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चो का भला सोचते है पर कभी कभी उन भलो में छुपी दर्द किसी को नजर नही आते क्योकि हम कभी कभी मतलबी हो जाते है ।

सकारात्मक अंत

राजू हर साल की तरह इस साल भी अकेला और उदास था क्योकि आज रक्षा बंधन है और उसको राखी बांधने वाला कोई नही है । राजू महज 5 साल का था पर समझता था बहन क्या होती है वो रोता - रोता माँ के पास गया और पूछने लगा ।
राजू : माँ मेरी कोई बहन नही है ऐसा क्यों ?

माँ ने कुछ नही कहा वो किचन के कोने में जा के रोने लगी और याद करने लगी उन बातो को जो दुखद ही नही कष्टदायक है क्योकि उस माँ ने एक लड़के की चाहत में 3 लडकियों को गर्भपात से मरवा दिया ।
कि तभी उसके घर की रिंग बजी राजू की माँ ने आंसू पोछते हुए दरवाजा खोला उस के सामने उसकी  बहन खड़ी थी जो अपनी छोटी सी बेटी के साथ खड़ी थी। इसका नाम सौम्या है और जैसे ही उसने राजू को देखा वो दौड़ कर उसके पास गयी और उसके सीने से लग कर कहा -  भैया मैं आ गयी।

समाप्त


   9
4 Comments

Zainab Irfan

30-Apr-2022 05:33 PM

👏👌🙏🏻

Reply

Ankur Singh

30-Apr-2022 11:26 PM

थैंक यू जी

Reply

Fareha Sameen

30-Apr-2022 04:13 PM

बहुत अच्छा लिखा है

Reply

Ankur Singh

30-Apr-2022 11:26 PM

धन्यवाद जी

Reply