लेखनी कहानी -अधर मुस्कान सजाते रहो
अधर मुस्कान सजाते रहो
सुंदर ढंग से बातें कर,
सुंदर विचार हृदय में रख।
मधुर व्यवहार बांटते रहो,
अधर मुस्कान सजाते रहो।
धरा पर सब सुखी रहे,
क्रोध लालच से विमुख रहे।
आपस में हो प्यार यहांँ
जीवन में मुस्कान रहे।
तेरा मेरा सब छोड़े,
भेदभाव को हम तो भूले।
हृदय में बस प्रेम भरा हो,
अधर मुस्कान सजाते रहे।
भेदभाव ना हो जीवन में,
प्रेम के रिश्ते हो सारे।
एक दूजे पर विश्वास रहे
बंधन सारे हो न्यारे।।
युग परिवर्तित हो रहा,
रिश्तो का मतलब बदल रहा।
एकाकी परिवार हुए,
मतलब के सारे व्यवहार हुए।
सूरज लाता नव संदेश,
कर्म का पाठ पढ़ाता है।
जाति जाति भी हमको,
कुछ नया सिखाता है ।
भ्रष्टाचार और बेचारी को,
समाज से अब तुम दूर करो्
कर्म करो तुम नित्य यहांँ,
घृणा द्वेष मिटाते रहो।
अधर मुस्कान सजाते रहो।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
2.5.२०२२
नान स्टाप प्रतियोगिता हेतु
Reyaan
06-May-2022 11:35 AM
👏👌
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Farida
05-May-2022 06:57 PM
Very nice
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Haaya meer
05-May-2022 06:25 PM
Nice
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