लेखनी कहानी -06-Apr-2022 पैरोडी संसार
आज से दो साल पहले जब लॅकडाॅउन में सरकार ने शराब की दुकानें खोल दी थी और लोग उन पर टूटकर पड़े थे तब उस नजारे को देखकर ये पैरोडी बनी थी ।
पैरोडी : तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा
शराब के लिए ठेकों पर उमड़ी भीड़ को देखकर मैं शराब के भक्तों को प्रणाम करता हूं । ऐसे भक्त जन तो भगवान के भी नहीं हैं जो रात भर से दर्शन के लिए पंक्तिबद्ध हैं । पुलिस की लाठी और बीवी की गाली खा रहे हैं फिर भी एक रणबांकुरे योद्धा की तरह मैदान में डटे हुए हैं ।
ऐसे महान भक्तों की सेवा में फिल्म " खानदान " के गीत " तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा तुम्हीं देवता हो " की तर्ज पर एक पैरोडी बनाई है । आशा है आपको पसंद आयेगी। इसे उसी तर्ज में गायेंगे तो मजा ज्यादा आयेगा ।
एक शराबी शराब से कहता है कि
तुम्हीं मेरी आशिकी, तुम्ही मेरी बंदगी ।
तुम्हीं जानेजां हो , तुम्हीं जानेजां हो ।।
मेरा दिल धड़कता है , बस तेरी ही खातिर
इन प्यासे लबों का , तुम्हीं अरमां हो ।।
रो रो के दिन गुजारे , तेरे इंतज़ार में ।
बरबाद हो गये हैं , हम तेरे प्यार में ।।
भटकता रहा हूं , गमों के मरुस्थल में
मेरे उजड़े दिल का , तुम गुलसितां हो ।।
तुम्हीं मेरी आशिकी, तुम्ही मेरी बंदगी।
तुम्हीं जानेजां हो , तुम्हीं जानेजां हो ।।
तुम्हीं ने दिया है , मुझे नया जीवन ।
तुम्हें देखते ही , फड़कता है यौवन ।।
रात भर से मैं खड़ा हूं , लाइन में ठेके पर
कि जैसे मैं याचक , तुम मेहरबां हो ।।
तुम्हीं मेरी आशिकी, तुम्ही मेरी बंदगी ।
तुम्हीं जानेजां हो , तुम्हीं जानेजां हो ।।
Seema Priyadarshini sahay
04-May-2022 02:44 PM
वाह, सुंदर प्रस्तुति
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Hari Shanker Goyal "Hari"
04-May-2022 04:43 PM
💐💐🙏🙏
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Shrishti pandey
04-May-2022 11:06 AM
Sahi baat hai
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Hari Shanker Goyal "Hari"
04-May-2022 04:43 PM
💐💐🙏🙏
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