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मज़दूर

लाल किले की दीवारों में किसके खून की लाली है 
ताजमहल की सुंदरता में किसने रौनक डाली है
क़ुतुब मीनार की ऊंचाई किसके दम पर मगरूर है 
चीन की दिवार क्यों सारी दुनिया में मशहूर है 
इन सबके पीछे इक मेहनत कश मज़दूर है 

कांट छाँट क़र कंदराओं को जिसने मंदिर कर डाला 
देवो को छतीस भोग मिले पर जिसे न मिला निवाला 
जिसने खोद खदानों से निकला कोहिनूर है 
पर जिसके हिस्से में न कोई जन्नत न हूर है 
इन सबके पीछे इक मेहनत कश मज़दूर है 

सिंधु घाटी के अवशेष ये हमे बताते है  
सभ्यताओं के देश जहाँ पत्थर भी पूजे जाते है 
मिस्र यूनान रोमा के किस्से अब तक मशहूर है 
सभ्यताओं का रचयिता फिर क्यों इतना मजबूर है 
इन सबके पीछे इक मेहनत कश मज़दूर है 

करते है हम स्तुतिगान उस श्रम जीवी मानुष का 
जिसके हिस्से में विष आया सभ्यताओं के कालुष का 
काट हिमालय का सीना  जो जल लाया भरपूर है 
जिसके अधर की तृष्णा अब भी जल से दूर है 
इन  सबके पीछे इक मेहनत कश मज़दूर है 

एक दिवस मना लेने से क्या इनका कल सवरेगा 
 स्वास्थ्य शिक्षा  सम्मान से इनका भी जीवन गुजरेगा 
अन्न उगते भूखे रहकर पेट हमारा भरते ज़रूर है 
मनरेगा का पैसा भी न देती सरकार मगरूर है
इन सबके पीछे इक मेहनत कश मज़दूर है 

हरविंदर सिंह ग़ुलाम

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11 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

07-May-2022 02:33 PM

Nice

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Reyaan

06-May-2022 11:28 AM

👌👏🙏🏻

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Ghulam Hazir hai

06-May-2022 08:32 PM

धन्यवाद सर

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Ghulam Hazir hai

06-May-2022 08:33 PM

धन्यवाद श्रीमान

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Gunjan Kamal

05-May-2022 09:30 PM

वाह आदरणीय शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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