Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -06-May-2022

                   आरंभ 
आरंभ भी तू प्रारंभ भी तू ,
मेरी हर साँस का सारंग भी तू ।
मेरी बातों में मेरी आँखों  में 
जो सात रंग रहते हैं, 
उन रंगों का हर एक रंग तू ही तू।
तो तू क्या है समझना चाहिए तुझे, 
तू ही है जो है नहीं तो बेरंग सी मैं 
बेरंग मेरी रूह। 
कुछ बातेँ समझाई नहीं जाती 
तुझे समझना होगा। 
के मेरी सांसो का आरंभ तू 
मेरी सांसों का अंत भी तू 

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14 Comments

Shnaya

09-May-2022 06:25 PM

Nice 👍🏼

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Reyaan

09-May-2022 05:01 PM

Very nice

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Anam ansari

07-May-2022 07:25 PM

👌👌👌

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