RAVI ADHANA

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आकाश

मैनें किताबों में पढ़ा है,
आकाश बहुत बड़ा हैं।
सूरज, चाँद सितारों को,
खुद में समेटे फैला हुआ है।

दिल पिघल जाते है थोडे से प्यार में,
आकाश भी पिघलता है, बादलो के साथ में।
बारिश की बूँदे बिन भेद-भाव बरसती है,
आकाश का दिल बहुत बड़ा हैं, मैंने किताबो में पढ़ा है।

कहीं धूप कहीं छाया है, कभी मन में लोभ लालच आया है,
किस्मत के भी अलग इरादे है, कभी कोई जाकर लौट आया है।
परियों की कहानियाँ, आकाश में टूटते तारे है,
दादी नानी की कहानियाँ बहुत प्यारी है, मैनें किताबों में पढ़ा है।

समन्दर का पानी बादलों से बरसता है,
हर किसी का दिल धड़कता है।
वृक्षों की डालियों में एक घरोंदा है,
मैंने किताबों में पढ़ा है।

हर मौसम बदलता है, आकाश नहीं बदलता,
इंसान की किस्मत बदलती है, इंसान का नज़रिया नहीं बदलता।
पतझड़, सावन, बसंत, बहार आती जाती है,
यहीं जीवन की कहानी है, मैनें किताबों में पढ़ा है।



Ravi Adhana
Meerut………उ

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