लेखनी कविता - पापा की परी
हर किसी के नसीब में,
पापा की परी बनना कहां लिखा होता है,
जो समझे अपनी बेटी को राजकुमारी,
ऐसा हर बार मुमकिन कहां होता है,
पैदा करके छोड़ दी जाती हैं, नन्ही कलियां
हर किसी के भाग में
फूल बनकर मुस्कुराना कहां लिखा होता है,
जहां पिता ही खुद छुड़ाना चाहे पीछा उससे,
तो ऐसे में पापा की परी बनना,
उसके किस्मत में नहीं होता है!!
कड़वा है, मगर सच है यही,
बेटियों को आज भी बोझ समझा जाता है,
वक्त का पहिया भी, इस कड़वे सच को,
मानते हुए, अपनी चाल से चलता रहता है।।
प्रियंका वर्मा
10/5/22
Profile | Name | View |
---|---|---|
![]() |
Aliya khan | View |
![]() |
Swati chourasia | View |
![]() |
Arshi khan | View |
![]() |
Inayat | View |
![]() |
Ali Ahmad | View |
![]() |
Karan | View |
![]() |
सिया पंडित | View |
![]() |
Lotus🙂 | View |
![]() |
Arman | View |
![]() |
Pamela | View |
![]() |
Marium | View |
![]() |
Sachin dev | View |
![]() |
Muskan khan | View |
![]() |
Haaya meer | View |
![]() |
Farida | View |
![]() |
Archita vndna | View |
![]() |
अफसाना | View |
![]() |
दीपांशी ठाकुर | View |
![]() |
Shivani Sharma | View |
![]() |
The traveller | View |
![]() |
Anam ansari | View |
![]() |
Neha syed | View |
![]() |
Gunjan Kamal | View |
![]() |
Fareha Sameen | View |
Please login to leave a review click here..
Muskan khan
11-May-2022 02:26 PM
Amazing
Reply
Farida
10-May-2022 08:08 PM
Well done
Reply
Anam ansari
10-May-2022 08:03 PM
Very nice
Reply