Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -12-May-2022 तलाक

रचयिता- प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-तलाक

"तलाक" एक ऐसा शब्द
वाणी को कर देता स्तबभ
शरीर बन जाता स्तंभ

माला में पिरोये ही रखी थी मैं
आज तोड़ दिया तूने यह धागा
बिखर गए यह मोती
दिन रात मैं यही सोचती
क्यों दिया तुमने मुझे तलाक

प्यार किया था तुमको बेपनाह
तुझसे मोहब्बत की बेइंतहा
अपना भूलकर तुझे बनाया
माता- पिता का आंगन छोड़
मैंने तुझे अपनाया

तेरे घर को मंदिर
दिल में तुझे समाया
बरसों बीत गए रहते साथ
समझ नहीं आया मुझे आज
फिर क्यों थमा दिया
ये कागज मेरे हाथ

बरसों किया है तुझसे प्यार
हमेशा निभाया तेरा साथ 
सुख- दुख में बनी में तेरी सारथी
 हर जन्म मांगा तेरा साथ
सात वचनों से बंधा था यह रिश्ता
हर जन्म निभाने का किया था वादा
क्यु बदल गया तेरा इरादा

झकखोर  के रख दिया मेरा मन 
किया तूने मेरी आत्मा पे वार
चकनाचूर कर दिया मेरा विश्वास
अब कभी नहीं कर पाऊंगी
तुझसे कोई प्यार

एक पल नहीं सोचा
कर दिए तूने हस्ताक्षर
हस्ताक्षर ने बिखेर दिया परिवार
छीन लिया तूने मेरे बच्चों का प्यार

"तलाक" एक ऐसा शब्द
वाणी कर देता स्तबभ
शरीर बन जाता स्तंभ



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18 Comments

Seema Priyadarshini sahay

14-May-2022 06:46 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Haaya meer

13-May-2022 10:01 PM

Amazing

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Punam verma

13-May-2022 09:44 PM

Nice

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