वजह

वजह

मन की खुली खिड़की अब बन्द हो चुकी है
उसकी संदली यादें भी खो चुकी हैं
दिन में चैन और रातों को सुकून है
लगता है धड़कन भी बन्द हो चुकी है।

न कोई शोर है न कोई फसाद
क्या फरक दिल की नगरी आबाद है या बरबाद
हर तरफ पसरा एक वीरान सन्नाटा है
धड़कनों का शोर उसे चीरता नज़र आता है।

उसने जाने से पहले कोई वजह नहीं बताई
शायद उसे साथ निभाने की कोई वजह समझ नहीं आई
वैसे इश्क़ लोग बेवजह ही किया करते हैं
बस दिल तोड़ने की वजह ढूंढ लिया करते हैं।

यादों के बंजरों में कहां दिल के फूल खिलते है
जो बढ़ गए राहों में, मुसाफिर कहां मिलते हैं
कुछ लोगों के मुकद्दर भी सबसे जुदा होते हैं
उनके रास्तों की मंजिलें नहीं होती, जीवन भर सफर करते हैं।

आभार - नवीन पहल - १३.०५.२०२२ 🙏🙏👍💖

# प्रतियोगिता हेतु


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16 Comments

Seema Priyadarshini sahay

14-May-2022 06:53 PM

बेहतरीन

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Anam ansari

14-May-2022 09:41 AM

Nice

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Haaya meer

13-May-2022 09:54 PM

Amazing

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