ख्वाहिश

ख्वाहिश

ख्वाहिश न रहे तो क्या हम रह भी पाएंगे
इच्छा अगर मर गई तो क्या जी भी पाएंगे
अच्छा,जीने की इच्छा भी क्या इच्छा नहीं
तुम ही कहो किसे इच्छा अच्छा बनने की नहीं।

लोग कहते हैं कि चिंता चिता समान है
फिर नजर आता है क्यूं चिंता में हर इंसान है
क्यों सताता बोध ये हम बने अच्छे सदा
क्या फरक पड़ता है कौन अच्छा और बुरा।

इच्छा अगर न होगी तो जीने का मजा रहेगा जाता
इच्छा से सांसों का चलना और स्वर्ग नर्क का नाता
इच्छा से कर्मों का लेखा इच्छा बहुत बलवान
इच्छा अगर मर जाएगी मर जाएगा इंसान।।

आभार – नवीन पहल – १४.०५.२०२२ 🌺🌺

# प्रतियोगिता हेतु


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10 Comments

Reyaan

16-May-2022 12:25 AM

Very nice 👍🏼

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Sachin dev

15-May-2022 11:10 PM

Nice

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Swati chourasia

15-May-2022 07:37 AM

बहुत खूब 👌

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