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लेखनी कहानी -16-May-2022

पहले हम धरती मां को चूमते हैं
 फिर अपने हिंदुस्तान को पूजते हैं
 दो चार सब महोब्बत पे लिख क्या दिए
 हम पूरे शहर में बदनाम हो गए
 जबकि सबसे पहले हम मिट्टी को जोड़ते है
 
बलिदानों की शहादत हम भी नहीं भूले
 इश्क कल भी था इश्क आज भी है अपने हिंदुस्तान से
 कभी हमने किसी गैर से महोब्बत नहीं किए
लिखते है जब भी कलम पहले वतन की खातिर
फिर हम माहोब्बत की बात करते है
इश्क जायज है अपनी माशूका से बेशुमार करना 
लेकिन पहले हम महोब्बत अपनी मां से करते है

मैं चाहता हु अपनी इस मिट्टी को मुझे इसमें सना रहने दे
मैं खड़ा हु पथ पथ पर दुस्मनो के, मुझे लोहा बना रहने दे
कट जायेंगी गर्दन पर ये सर कभी न झुकेगा
जब तक सांस चलती रहेंगी जान में, मुझे विशाल शक्ति बना रहने दे

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2 Comments

Renu

17-May-2022 09:08 PM

👍👍

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SHAYAR VISHU KING

17-May-2022 11:59 PM

Thanks

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