मेहंदी का रंग
#शॉर्ट स्टोरी चैलेंज
आज वो दिन आ ही गया जिसके बारे में हमारी श्रीमतीजी ने चार दिन पूर्व ही बताया था।बताया क्या जी यूं कहिये चेतावनी दी थी।चेतावनी यह कि छोटे भाई की शादी है तो हाथ भर मेहँदी लगवाऊंगी ,पार्लर वाली से बात हो गई है,11 बजे आ जायेगी सुबह।उस दिन आपको अपना सारा काम खुद ही करना होगा,दोनों बच्चों को सम्हालने से लेकर घर के किस काम को किस प्रकार करना होगा इसकी भी गाइडलाइन जारी कर दी गई।
वो क्या है कि हमारी श्रीमतीजी को मेहँदी रचाने का बहुत शौक है किंतु शादी के बाद 10वें महीने में हमारे बेटे का जन्म हुआ तो उसके लालन पालन में उन्होंने अपने शौक को त्याग दिया।बेटे का दूसरा जन्मदिन मनाये हफ्ता भर भी नही हुआ था कि श्रीमतीजी को फिर उल्टियां होने लगी।तो बस इस तरह समझिए शादी के छः वर्ष बीत गए, वो अपने हाथों में मेहँदी नहीं रचा पाई थीं।
तो बस जी वही कसर पूरी की जा रही थी।अब मेरा काम था उनका सहयोग करना
आज समझ आ रहा है कि मेहँदी के गहरे चढ़े रंग के लिये पिया के प्यार की उपमा क्यों दी जाती है,वो इसलिये कि श्रीमतीजी जब मेहँदी रचाती हैं तब उनके पिया उनके घर का काम करते हैं और घर का काम वो इसलिये करते हैं क्योंकि वो श्रीमतीजी से प्रेम करते हैं।इस प्रकार काम न करने से मेहँदी अधिक समय हाथों पर रहती है और रंग गहरा चढ़ता है।
उम्मीद है हमारी श्रीमतीजी की मेहँदी का रंग भी उन्हें हमारे प्यार का एहसास कराएगा।
–प्रीति ताम्रकार
Neelam josi
21-May-2022 03:45 PM
Very good
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Seema Priyadarshini sahay
19-May-2022 05:59 PM
सुंदर कहानी
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Haaya meer
19-May-2022 12:57 PM
Amazing
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