NEELAM GUPTA

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धोखा

धोखा

कैसा है ये समाज। जहाँ सिर्फ एक लड़की को ही पवित्र होने का सबूत देना पड़ता है। लड़के धोखा दे कर निकल जाते हैं। और औरत को सबके सवालों का जवाब देना पड़ता है।

हम जब छोटे थे तभी से समाज की मानसिकता का दर्पण में देखते हैं। कोई नवजात शिशु नाली में पड़ा मिलता है। लोगों ने उसे नैतिकता के कारण उसे नाली से बाहर निकाला लेकिन वह बच्चा कुछ ही घंटों में गुज़र गया।

उस बच्चे की माँ ने ऐसा किया या उसके घरवालों ने समाज के डर से यह गलत कार्य किया। उस भीड़ का हिस्सा बने हम भी इस ग़लत काम को होते हुये अपने मुँह सीले रहते हैं।

एक बार एक बच्चा कूड़े के ढेर में मिला। लेकिन उसकी सासें चल रही थी। एक औरत के दो बच्चे थे वह फिर भी उसे लेकर बोली आज से मैं इसको पालुगी।वह उसका बच्चा नहीं था फिर भी उसको बचाने वाली उसकी माँ बन गई।

ये दोनों सच्चाई मैंने स्वयं अपनी आँखों से देखी है।

धोखा हम अपने आप को देते है अपनी आखों पर झूठ की पट्टी बांध कर।सच्चाई को उजागर नही होने देते।

नीलम गुप्ता।(नजरिया)
       दिल्ली

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7 Comments

Miss Lipsa

26-Aug-2021 06:58 AM

Wow

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Aliya khan

20-Jul-2021 06:46 PM

Nice

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🤫

14-Jul-2021 09:45 PM

nice.....!very nice

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