बेचैनी कैसी हैं?
क्या खूब कहते हो...
कि बेचैनी कैसी हैं?
बेचैनी कैसी है ये,
जब सब पहले ही पता था ..
अब कसमों पर भी नहीं...
कभी लारो पर भी यकीन होता था,
मान लिया है हम झूठे कहलाते हैं,
जब भरा हो दिल, तब भी मुस्कुराते है ।
तू दूर हैं शायद इसलिए नामालूम हैं,
पास आकर निगाहों में देख मेरी,
ये तबाही के किस्से सुनाते हैं...
आँखों के आंसू बेहतर हैं तुमसे,
हर दर्द में साथ निभाते हैं ।
क्या खूब कहते हो..
कि बेचैनी कैसी हैं ,
लोग जानकर भी अनजाने बन जाते है ।
Neelam josi
21-May-2022 03:59 PM
Very nice 👌
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Reyaan
20-May-2022 02:46 PM
👏👌
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Seema Priyadarshini sahay
19-May-2022 04:54 PM
बहुत खुबसूरत
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