Rhyme

Add To collaction

इंतजार

घड़ी जो यह रूकी है,
शायद इंतजार यह कर रही है ।
सबके चेहरे पे मुस्कुराहट लाने का ,
विचार यह कर रही है।
सब ने इस इंतजार का साया पाया है,
जैसे पेंशन ने डॉक्टर का ,
प्यासे ने पानी का,
राजा ने रानी का ,
और हमने साल की सैलरी का।
इंतजार के साए में,
यूं तो बहुत बार दिल घबराया है,
अपनो ने ही हौसला बढ़ाया है ।
अब तो बस इंतजार करने का ही चारा आया है,
 इस महामारी से निपटने का,
 घर पर रहने का ही उपाय हमने पाया।

-- Rhyme Nigam "Shaivalika"

   3
3 Comments

Niraj Pandey

15-Jul-2021 05:49 PM

वाह👌

Reply

Swati chourasia

15-Jul-2021 04:45 PM

Very nice

Reply

Ravi Goyal

15-Jul-2021 01:02 PM

Bahut khoob 👌👌

Reply