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लेखनी कहानी -20-May-2022

कोई पागल मुझे बताता है।
कोई घायल मुझे बताता है।।
एक लड़की का दिल ऐसा है।
उसका काजल मुझे बताता है।।

सोर कितना अधिक मचाती है।
दिल में कुछ गहरा सा चुभाती है।।
याद तेरी हमे रोज दिन रातों में।
खुद ब खुद आके यू रुलाती है।।

प्रेम मीठा है सब  बताते है।
हम भी गीत ऐसे गुनगुनाते है।।
आई  बर्षा  है प्रेम  रंगों की।
सर्द मौसम में हम नहाते है।।

कितनी खुशियां हमे लुटाती हो।
डॉट कर हमको फिर हँसाती हो।।
में यू फूल जाता हूं छोटी बातों में।
तर्क  दे दे  कर  तुम  मानती हो।।

ऐसे जीवन को में  जीया  हूँ बस।
जो न करना था बो किया हूँ  बस।।
उनको दिल पाने की ही ख्वाहिस थी।
देना  न चाहा  था  दिया  हूँ बस।।

चेहरा मासूम ओर बाते थी।
याद करने को रोज राते थी।।
दिल को तोड़ा है ऐसी हालत में।
हाथ जोड़ा हूँ पेश लाते थी।।

खेर गलती तो हमसे होई गई।
आंख न चाहते भिगोई गई।।
फूल फुलबारी के ऐसे सूखे थे।
आज  माला  नई  पिरोई गई।।

क्या यूं तन्हा ही छोड़ जाओगी।
रुख तबाही का मोड़ जाओगी।।
मेरे दिल को जो जान दी तुमने।
क्या ये दिल को ही तोड़ जाओगी।।

---रिहान पठान प्रेमी---

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11 Comments

Seema Priyadarshini sahay

21-May-2022 03:48 PM

बेहतरीन

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Neelam josi

21-May-2022 03:12 PM

Very nice 👌

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Reyaan

21-May-2022 02:37 PM

👌👏

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