संपर्क
सम्पर्क
कभी कभी जब आती हैं फिर फिर
वो तारों से घिरी चांद रातें,
बारिश की बूंदों की छनछनाहट,
बादलों की गड़गड़ाहट,
मिट्टी की सौंधी सी खुशबु..
आजाया करते हो तुम भी पास मेरे..
चुपके से बैठ जाते हो ,
एक शब्द नहीं बोलते
कह जाते हो सब कुछ..
जैसे फूल महकता है
हवा ले जाती है खुशबू को
बिखेर देती है चारो दिशाओं में..
एहसास मेरे बिखर जाते है वैसे,
पहुँच जाते है तुम तक
लेकर मेरे संदेश
तुम चले गए दूर कहीं, ये सबका वहम हैं ..
मेरे धड़कने तुमसे संपर्क करती हैं .....
Waseem khan
22-May-2022 05:43 PM
Very good
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Abhinav ji
22-May-2022 09:03 AM
Nice
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Neelam josi
22-May-2022 08:51 AM
👏👌🙏🏻
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