Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -26-May-2022 कल्पना

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-कल्पना

अगर मेरे वश में होता

तो मैं एक चिड़िया बन जाती
ऊंची ऊंची उड़ान उड़ती
जंगल जंगल में फिरती
ऊंचे पर्वत शिखरों  मैं घूमती
बैठकर देख पाती पूरी सृष्टि
अगर मैं थक जाती
वृक्ष के तने पर बैठ जाती
दिन भर में रहती ऊंघती
फिर नयी ऊर्जा आ जाती
फिर आकाश में फर फर उड़ जाती

अगर मेरे वश में होता

हर समय रहती मां की गोद में बैठी
ममता के पलने में सोई रहती
सुंदर से सपने में खोई रहती
सारी दुनिया में भूल जाती
आंखें में होती अलसाई
देखती हूं मैं जग तरुणाई
फिर मीठी सी सरगम सुनती
सपनों की दुनिया में खो जाती

अगर मेरे बस में होता

जीवन में होता  हर क्षण परीक्षा
 लेता रहता है हमारी समीक्षा
होते हैं कर्म धर्म
करते हैं हम पालन जीवन भर
कर्तव्य की होती अनंत यात्रा
कभी ना होता इनका छोर
दायित्व का है अथाह सागर
जीवन के हैं उलझे से पथ
 उनको मैं सुलझा पाती
अगर मुझे  कोई समझ पाता

अगर मेरे वश में होता

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13 Comments

Shnaya

28-May-2022 12:51 PM

बेहतरीन

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Reyaan

28-May-2022 12:05 AM

बहुत खूब

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Chirag chirag

27-May-2022 06:05 PM

Nice

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