Sarfaraz

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ग़ज़ल

🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल🌹🌹🌹🌹

आप की इतनी नवाज़िश चाहिए।
रंजो ग़म में थोड़ी काहिश चाहिए।

हसरत ए दिल है तो बस यह है सनम।
आपके पहलू में रामिश चाहिए।

ग़म की तपती घाम से दिल जल चुका।
अब हमें ख़ुशियों की बारिश चाहिए।

जिससे मिट जाए अँधेरा क़ल्ब का।
इ़ल्मो ह़िकमत की वो ताबिश चाहिए।

कामयाबी के लिए हर गाम पर।
तिफ़्ल ए मकतब को सिताइश चाहिए।

आ  रहे  हैं  नींद  के  झोखे  हमें।
बाज़ू ए जानाँ की बालिश चाहिए।

जिनकी नज़रों में न हो पास ए वफ़ा।
उनसे क्या करनी गुज़ारिश चाहिए।

दो दिलों के वस्ल की ख़ातिर फ़राज़।
दोनों जानिब ही कशाइश चाहिए।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद।

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नवाज़िश - मेहरबानी,काहिश - कमी
रामिश - आराम, ताबिश - रोशनी
सिताइश - तअ़रीफ़ , बालिश - तकिया
गुज़ारिश - दरख़्वास्त, कशाइश - गुन्जाइश

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5 Comments

Shnaya

28-May-2022 07:41 PM

बहुत खूब

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Chirag chirag

27-May-2022 06:06 PM

👌🏽👌

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Pallavi

26-May-2022 09:45 PM

Nice

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