वीरान रेगिस्तान

वीरान रेगिस्तान

सुना है रेगिस्तान भी कभी समन्दर हुआ करता था
उसके आसपास भी जिंदगी का खूबसूरत मंज़र था।

पर शायद वो खुद ही इस कदर क्षार हो गया
प्यार से कुछ ज्यादा ही बेेजार हो गया।

अब उसके पास है सिर्फ गमों की रेत
जिसपे उगते नहीं कभी प्यार के हरे भरे खेत।

जिंदगी को कभी रेगिस्तान सी वीरान न करना
जब मिले मौका प्यार के बाग खिलाते चलना

आभार – नवीन पहल – २६.०५.२०२२ 🙏🙏🌹

# प्रतियोगिता हेतु


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10 Comments

Shnaya

28-May-2022 12:49 PM

बेहतरीन

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Reyaan

28-May-2022 12:03 AM

बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

27-May-2022 01:51 PM

बेहतरीन रचना

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