Manik Gupta

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माँ

अगर मेरी भी मां होती

जिंदगी कितनी हसीन होती
मैं रोता वह चुप कराती
अपने आंचल में मुझे
इस मतलबी दुनिया से छुपाती
दुनिया की सारी खुशियाँ मेरी होतीं
अगर मेरी भी मां होती

आज मेरी भी ये हालत ना होती
बार बार वो अकेलापन भी महसूस न होता
बस कोई प्यार से बेटा बोलने वाली होती
अगर मेरी भी मां होती

मां तो मां ही होती है
ना जानें क्यु ऊपर वाले ने मेरे लिए उन्हें नहीं रखा
मगर सच है
मुझे उनकी कमी हर पल महसूस होती रहती
अगर मेरी भी मां होती

जब देखा करता मैं दोस्तों को अपने
उनकी मां को देख कर मुझे भी अपनी मां की याद आती
कैसे मुझे सुबह स्कूल भेजती
कैसे दोपहर मे मेरे आने का इनतेज़ार करती
कैसे फिर मेरे साथ खेल कर मेरा मन बहलाती
कैसे मुझे गले से लगा कर सुलाती
सचमे मां एक ही होती है दोस्तों
कोई जिसकी जगह न ले सके ऐसी होती है वह हस्थी
कैसे मुझे खुश करने के लिए अपने दुःख भूल जाती
कैसे प्यार से राजा बेटा सोना बेटा करके बुलाती
अगर मेरी भी मां होती

जिंदगी जीना मुझे वह सिखाती
हर कदम पर मेरा साथ देती
काश जाने से पहले खुद जैसा कोई और छोड़ जाती
काश वह सिर्फ मेरे सपनों में ही नही हकीकत मे भी होती
अगर मेरी भी मां होती। 

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6 Comments

Seema Priyadarshini sahay

29-May-2022 11:07 PM

बेहतरीन रचना

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Archita vndna

29-May-2022 05:54 PM

बहुत खूब

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Shrishti pandey

29-May-2022 05:11 PM

Nice

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