Pen of Tabish

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-30-May-2022 दुनिया झूठ की

 दुनिया झूठ की मकाम झूठ का है 
सच तो बदनाम है नाम झूठ का है

इस दौर का निज़ाम कुछ ऐसा है
सच को सज़ा, इनआम झूठ का है

झूठों की भीड़ है दुनिया में इस कदर
सारा का सारा  इंतिज़ाम  झूठ का है

वकील हो या मुंसिफ दोनों ही आज कल
सच  के  पैरोकार  है   काम  झूठ  का  है

दिल मे हसद क़याम करती है रात-दिन
ज़ुबाँ पे जो है  वो  सलाम  झूठ  का  है

सच को मिला है क्या रुसवाई के सिवा
महफ़िल  में   एहतराम   झूठ   का   है

फिर कोई और हो या हो तुम 'ताबिश'
सबके लबों पर आज जाम झूठ का है

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7 Comments

Shnaya

31-May-2022 09:07 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Rahman

31-May-2022 06:15 PM

Osm

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Zakirhusain Abbas Chougule

31-May-2022 04:01 PM

Very nice

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