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रात

"रात"

हर रात ढल रही है,
जिंदगी मोमबत्ती की तरह पिघल रही है।

फिर भी ये जल रही है,
अपने रोशनी से,
हर अंधेरे से लड़ रही है।

और अपने अंधेरे जहां को,
रोशन ये कर रही है।

© Swati Chourasia

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8 Comments

Shivam Ramtekkar

16-Sep-2022 06:34 PM

बहुत खूब स्वाती...👌🏻👌🏻

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Miss Lipsa

17-Aug-2021 03:38 AM

Nice

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Rajeshwari thakur

20-Jul-2021 03:48 PM

बहुत खूब 👌👌👌

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Swati chourasia

20-Jul-2021 08:12 PM

Thank you

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