पोती
*****
पत्नी अब वृद्ध है हो गई अब सेवा करेगा कौन।
पोती जब से घर आ गई बाकी सब हैं मौन।।
पोती,पोते रखते सदा बाबा- दादी का ध्यान।
पोती घर में आ जाये तो वृद्धों का बढ़ जाता मान।।
पोती पोते संग खेलते बचपन की आती याद।
ईश्वर ने पूरी कर दी हैं वृद्धों की फरियाद।।
बच्चे-बहू भी क्या करें रहते कामों में व्यस्त।
हम बूढ़े भी क्या करें हैं शरीर से पस्त।।
पोते, पोती मिल जाना भी अच्छे कर्मों का फल है।
नहीं तो मानव जीवन का सूना हो जाता कल है।।
मेरी पोती भी बाबा को प्रातः उठ चाय बनाती है।
बाबा-बाबा चिल्ला कर के गले मेरे लग जाती है।।
दादी भी अपनी पोती पर अपनी जान छिड़कती है।
पोती यदि जरा भी रो देती तो दादी खूब तड़पती है।।
सुबह से उठ कर पोती भी दादी-दादी चिल्लाती है।
दादी का हाथ पकड़कर के शौचालय तक ले जाती है।।
पोती के प्रेम को देख सदा बाबा-दादी खुश हो जाते।
वक्षस्थल से लगा उसे न्योछावर उस पर हो जाते।।
ईश्वर से अन्तिम विनय यही हर बाबा-दादी को पोती मिल जाए।
जीवन का अन्तिम है पड़ाव ये घड़ी व्यर्थ में ना जाए।।
पोती ही घर की आन है पोती है घर की शान।
पोती ही रखती सदा बाबा-दादी का ध्यान।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
Seema Priyadarshini sahay
04-Jun-2022 05:55 PM
Nice
Reply
Raziya bano
03-Jun-2022 07:20 PM
Nice
Reply
Shnaya
03-Jun-2022 06:58 PM
बहुत खूब
Reply