संग
साथ दिया जो साथ रहे
अब क्यो करता है तंग
दिवस चार अब काट ले
छोटे जाने कब छूटे संग
छूट जायेंगे बाल सखा
छूटेगे मित्र पुराने
छूटेगे सब ग्यानी ध्यानी
बड़ बूढे और सयाने
क्यो अंडा है जिद पर
अपनी भस्म लगाके अंग
दिवस चार अब काट ले
छोटे जाने कब छूटे संग
छूट जायेंगे बन्धु बान्धुवर
संग संग जो थे खेले
जीवन था जो रंग रंगीला
वो सावन के मेले
छूटेगे सब हरे गुलाबी
खेले थे जितने रंग
दिवस चार अब काट ले
छोटे जाने कब छूटे संग
उदय बीर सिंह गौर
खम्हौरा
बांदा
उत्तर प्रदेश
🤫
19-Jul-2021 09:15 PM
नाइस....!
Reply
Sangeeta
17-Jul-2021 11:36 PM
बहुत खुब
Reply
उदय बीर सिंह
18-Jul-2021 09:33 PM
बहुत-बहुत धन्यवाद
Reply
Swati chourasia
17-Jul-2021 05:22 PM
Nice 👌
Reply
उदय बीर सिंह
17-Jul-2021 05:53 PM
Thankyou swati ji
Reply