🌹🌹इजाजत 🌹🌹
गर इजाजत मिली तो निखर जाऊंगा।
वर्ना तेरे शहर में बिखर जाऊंगा।
मेरी हर सांस में अब तेरी सांस है।
क्या बिना सांस के जिंदा रह पाऊंगा।
तू जिधर भी चले वो मेरी राह है।
छोड़कर ए डगर मैं किधर जाऊं।
फासले दर मियां के मिटा दीजिए।
वर्ना दर्दों भरी हर सहर पाऊंगा।
या तो अपना बना लो,या दिल तोड़ दो।
अश्क बन कर नजर में उतर जाऊंगा।
नीर बन कर नजर में उतर जाऊंगा।
मेरी तड़पन भी तू, मेरी धड़कन भी तू।
हैरां हर हाल में तू जरूरत मेरी।
कर इबादत मैं तेरी शिखर पाऊंगा।
नरसिंह हैरान जौनपुरी मुंबई
Seema Priyadarshini sahay
12-Jun-2022 06:02 PM
बेहतरीन रचना
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Gunjan Kamal
12-Jun-2022 10:36 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Sona shayari
12-Jun-2022 07:42 AM
Beautiful
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