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लेखनी प्रतियोगिता -15-Jun-2022 चूहौ की बारात

        सीमा जब सुबह जागकर हाल में गयी तब वहाँ का हाल देखकर उनको चक्कर आगया । उनकी समझ में यह नहीं आरहा था कि यह क्या हुआ है कि पूरा सोफा जगह जगह से इस तरह काटा हुआ था कि उसको रिपेयर करना कठिन ही नही असम्भव प्रतीत हो रहा था।


     उन्हौने अपनी बहू को आवाज लगाई," मानवी जरा इधर तो आकर देख  ऐसा लग रहा है कि रात को यहाँ  चूहौ की बारात आई हो और  उन बारातियौ ने किसी बात पर नाराज होकर हमारे सोफे को  काट डाला है।"

            " हे भगवान ये क्या किया है इन चूहौ ने नया का नया सोफा काट डाला। माँ जी यह पिछली दीपावली पर ही पुरे पैतीस हजार का लिया था। अभी तो दूसरी दीपावली आई ही नही है।" मानवी सिर को पीटती हुई बोली।

   सास बहू की ऊँची आवाज में बार्तालाप सुनकर विनय को कुछ दाल में काला नजर आया। उसने सोचा शायद मम्मी जी मानवी को किसी बात  पर  डाँट रही है।

      क्यौकि उसे अब इस तरह के महाभारत देखने की आदत पड़ गयी थी। मम्मी का हर रोज का यह काम था कि मानवी को किसीन किसी बात पर कुछ न कुछ सुनाना। जैसे मानवी की सरकार हो और मम्मी विपक्ष की पार्टी हो। विपक्ष की पार्टी कोतो सत्तापक्ष के  हर काम में अपनी टाँग अडा़नी ही होती है।

      ऐसा ही हरदिन विनय के घर में चलता ही रहता था । इसी लिए विनय ने चादर ओड़ली और सोने का नाटक करने लगा। वह उन दोंनौ के बीच में जाने से डरता था यदि वह मानवी की बात को सही कहता तब उसकी मम्मी का जबाब होता था कि  जोरू का गुलाम है। और यदि मम्मी की पक्ष लेता तो पत्नी कहती मै ही परायी हूँ मेरा यहाँ कौन है ? हमेशा ऐसा ही सुनने को मिलता था।

     मानवी दौड़ती हुई आई और उसकी चादर खींचकर बोली," तुम्हारी नीद है कि कुम्भकरण की नींद है जो कभी दूर ही नही होती है।रात को चूहौ की बारात आई थी और उसने अपने  सोफे का क्या हाल बना दिया है। "

             " क्या होगया,? किसकी बारात आगयी ?  इतना हंगामा क्यौ कर रखा है ? सन्डे के दिन भी चैन से नही सोने देते है़। " विनय बैड से नीचे उतरता हुआ  पूछने लगा।

        "  पहले जाकर  सोफा का हाल तो देखलो। उसे देखकर ही नींद रफूचक्कर हो जायेगी। " मानवी बोली।

    जब विनय ने सोफे का हाल देखा तो उसे तो दिन में ही तारे नजर आने लगे।

           अब   देखलिया मै रोज कहती थी कि इस गेट का कुछ इलाज करो मेरी  कोई  सुनता ही नहीं था। आज तो  चूहौ की बारात आई है जब  कल को कोई साँप घुस आयेगा तब आँखौ की नींद खुलेगी।

    विनय को तो समझ में ही नहीं आरहा था कि इस सोफे की रिपेयर कैसे होपायेगी।  उसको उनके पडौ़सी ने बताया गणेश जी की पूजा करके उनको मोदक का प्रसाद चढा़ओ।क्यौकि यह गणेशजी के बाहन है।

      विनय ने गणेश भगवान की पूजा की और मोदक का भोग लगाया और प्रार्थना की कि आगे से अपनी सवारी को अपने पास ही रखना जी।

    इसके बाद वह चूहा पकड़ने का एक पिंजडा़ भी लेकर आया और बाहर के  गेट को रिपेयर करवाया।साथ ही सोफा भी रिपेयर करवाया।

       इसतरह  चूहौ ने उसका बहुत बडा नुकसान करदिया था।

 दैनिक  प्रतियोगिता हेतु रचना

नरेश शर्मा " पचौरी "

15/06/2022








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10 Comments

Seema Priyadarshini sahay

17-Jun-2022 05:38 PM

बेहतरीन👌👌

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Punam verma

16-Jun-2022 10:40 AM

Nice

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Kusam Sharma

16-Jun-2022 09:07 AM

Very very nice

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