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सौ आसमानों से भी ऊँचा

सौ आसमानों से भी ऊँचा इरादा मेरा
निभाना है, मुझे खुद से किया वादा मेरा
गम हो, खुशी हो, आँखे नम  बेतुकी हो
हिस्से में आएंगी खुशी, हक़ आधा मेरा।

सारे जहानों में, सारे फ़सानो में
रोकेगा कौन मुझको, है बुलंद हौसला
जल रहे हैं, लोग जमानों में
फ़िकर किसकी मुझे, है ये क्या बला?

झुका के आसमां मैं पार जाऊंगा
नभतल को अपने कदमो में झुकाउंगा
बिन पंखों के भी उड़ जाउँ,
रुकावटों से हौसला ज्यादा मेरा।
सौ आसमानों से  भी ऊँचा इरादा मेरा
निभाना है, मुझे खुद से किया वादा मेरा

रोकेगा ये जहां, अब मुझको हर जगह
चलता रहूं मैं, अब रुकना क्यों भला?
पाँव में छाले हों, या गंदे नाले हों
मंजिल दिखे अब राहों की किसे परवाह!

जीतूंगा मैं, बजेगा ही बिगुल मेरी जीत का
मैं न अब हारूँगा, लड़ूंगा हर युद्ध शीत का
किंचितमात्र मुझे भी संदेह नहीं,
लांघ जाऊँगा, हर भवबाधा तेरा।

सौ आसमानों से  भी ऊँचा इरादा मेरा
निभाना है, मुझे खुद से किया वादा मेरा
गम हो, खुशी हो, आँखे नम  बेतुकी हो
हिस्से में आएंगी खुशी, हक़ आधा मेरा।

#MJ
#प्रतियोगिता
©मनोज कुमार "MJ"

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12 Comments

Aliya khan

29-Jul-2021 09:33 AM

behtareen

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Pawan kumar chauhan

24-Jul-2021 12:38 PM

Waah shaandar

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Swati chourasia

23-Jul-2021 08:45 PM

Very beautiful 👌👌

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Thank you

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